ब्रिटेन की राजनीति और कंज़र्वेटिव पार्टी में एक बार फिर जबरदस्त हलचल है। लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद आम लोगों के मन में यही सवाल है कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा?
शी जिनपिंग का चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का अधिवेशन में फिर से सर्वोच्च नेता चुना जाना महज़ एक औपचारिकता है। तो क्या वह ज़्यादा ताक़तवर नेता बनकर उभरेंगे? इसका भारत के लिए क्या मायने है?
यूरोप में मौजूदा ऊर्जा संकट का क्या सबक है? परमाणु संपन्न होकर ही देश की पूरी तरह सुरक्षा की जा सकती है? क्या सीमाओं की सुरक्षा से कम ज़रूरी है ऊर्जा व अर्थव्यवस्था का दबावों से मुक्त होना?
नेशनल हेरल्ड मामले में ईडी की पूछताछ पर कांग्रेस और राहुल गांधी की प्रतिक्रिया क्या लोगों को आकर्षित करने वाली है? राहुल गांधी के सत्याग्रह का औचित्य क्या है?
दुनिया भर में महंगाई क्यों बढ़ रही है और क्या अब बड़ी आर्थिक मंदी सामने है? पूरी दुनिया के सामने आते दिख रहे इस संकट के बीच भारत खुद को कैसे बचा सकता है?
मौजूदा यूक्रेन संकट दुनिया के सामने है। रूस का मीडिया यूक्रेन की छवि आक्रामक देश के तौर पर पेश कर रहा है। यूक्रेन में कुछ ऐसा ही संकट 1930 के दशक में आया था, लेकिन तब गैरेथ जोन्स ने वैसी रिपोर्ट थी जो इतिहास में दर्ज है।
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी मांग रहे हैं, लेकिन क्या कृषि की इतनी ही समस्या है? जानिए, किसानों के समग्र मुद्दों का आख़िर कैसे समाधान हो सकता है?
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग क्या चीन के इतिहास में माओ से आगे निकलना चाहते हैं? जानिए, शीन जिनपिंग के ऐतिहासिक प्रस्ताव के क्या हैं मायने और वह माओ और देंग शियाओपिंग से कैसे अलग हैं।
प्रधानमंत्री मोदी जब अमेरिकी यात्रा से लौटे तो उनका ऐसा स्वागत किया गया जैसे किसी ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई हो! लेकिन क्या ऐसा है? आख़िर उनकी इस यात्रा का क्या नतीजा निकला?
तालिबान ने जब अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा जमाया तो उसको समर्थन व मान्यता देने की सबसे पहले बात कहने वालों में से चीन भी एक था। अब तालिबान ने चीन से दोस्ती का इजहार कर तालिबान ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है।
अफ़गानिस्तान में 20 साल तक अमेरिकी सैनिक जमे रहे, तालिबान ने अपने आपको इस दौरान कैसे बचाया, उन्होंने किस तरह अफ़ग़ा सेनान को शिकस्त देकर अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया, ये सवाल अहम हैं।
बहुत से पर्यावरण शास्त्रियों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन की रोकथाम की जंग हम हार चुके हैं। अब प्रकृति के पलटवार का इंतज़ार करने और उससे बचाव के लिए जो हम से बन सके करने के अलावा हम कुछ नहीं कर सकते।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इस महीने अपनी स्थापना शताब्दी मना रही है। राजधानी बीजिंग के तियानन्मैन चौक में हुए भव्य शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति शी जिन्पिंग ने कहा कि चीन किसी की धौंस में नहीं आएगा। जो चीन को दबाने की ज़ुर्रत करेगा उसका सिर तोड़ दिया जाएगा।
अमेरिका ने आतंकवादियों को पनाह देने वाले जिस इस्लामी कट्टरपंथी तालिबान संगठन की जड़ें उखाड़ने के लिए सितंबर 2001 में अफ़ग़ानिस्तान पर चढ़ाई की थी वह अब उसी से अपना पिंड छुड़ा रहा है। भारत अब वहाँ किस रूप में दिखेगा?
इब्राहीम रईसी ईरान के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं। पिछले शुक्रवार को हुए राष्ट्रपतीय चुनाव में उन्हें 62 प्रतिशत वोट मिले। निवर्तमान राष्ट्रपति हसन रूहानी दो कार्यकाल पूरे कर लेने के कारण चुनाव नहीं लड़ सकते थे।