अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार की बातें सुनकर अंदाज़ा होता है कि राजनीति में पाखंड का बोलबाला किस कदर हो चला है। दुनिया की सबसे ख़ालिस शरीयत पर चलने वाली इसलामी अमीरी का दम भरने वाले तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने चीन को अपना “सबसे अहम साथी बताते हुए कहा कि चीन की दोस्ती हमारे लिए एक बुनियादी और असाधारण अवसर की तरह है।”
चीन से दोस्ती खोलती है तालिबान की असली पोल!
- दुनिया
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- 15 Sep, 2021

चीन खनिज संपदा के बदले निवेश करने की बातें कर रहा है। इसीलिए इसलाम की सबसे ख़ालिस हुकूमत को इसलाम का सबसे बड़ा दुश्मन भी सबसे बड़ा दोस्त नज़र आने लगा है। क्योंकि यदि इतिहास के पन्ने पलटें तो मजहबों, ख़ासकर इसलाम का सोवियत रूस और माओवादी चीन की कम्युनिस्ट हुकूमतों से बड़ा दुश्मन न आज तक हुआ है और न शायद होगा।
यह बात कहते वक़्त दुनिया की सबसे ख़ालिस इसलामी अमीरी को चीनी सरकार के वे ज़ुल्म क़तई नज़र नहीं आए जो सिनजियांग के वीगर मुलसमानों को झेलने पड़ रहे हैं। चीन ने लाखों वीगर मुसलमानों को सुधारघरों में क़ैद कर रखा है। उन पर चौबीसों घंटे निगाह रखी जाती है। मजहबी पहनावे और रहन-सहन को बदलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सांस्कृतिक सफ़ाया चल रहा है और लोगों की नसबंदी भी की जा रही है।