कहाँ तो पिछले साल महामारी की मंदी से निकल कर इस साल अर्थव्यवस्था में आने वाले उछाल की बातें हो रही थीं। कहाँ लड़ाई, रुकती सप्लाई और महँगाई के कारण दुनिया भर में मंदी का माहौल पैदा हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रीय ख़ुफ़िया विभाग के निदेशक एवरिल हेन्स का कहना है कि राष्ट्रपति पुतिन का मंसूबा यूक्रेन में लंबी लड़ाई लड़ने का है। पुतिन के विजय-दिवस भाषण पर मॉस्को के अख़बारों में छपी टिप्पणियों से भी यही संकेत मिल रहा है। इधर यूरोप के देश भी रूस के ख़िलाफ़ लामबंद होते जा रहे हैं। अभी तक सामरिक गुटबाज़ी से परहेज़ करने वाले स्वीडन और फ़िनलैंड जैसे देश नाटो में शामिल होने के आवेदन कर चुके हैं।