ब्रिटेन की राजनीति में महीने भर से जो चल रहा था वह किसी सनसनीखेज़ राजनीतिक धारावाहिक से कम नहीं था। उसका पटाक्षेप प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस के इस्तीफ़े से हुआ जो ब्रितानी अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करके उसे सिंगापुरी शैली की कम टैक्स तेज़ विकास वाली अर्थव्यवस्था में बदलने आई थीं। एक दिन पहले संसद में खडी होकर, 'जूझने वाली हूँ, भागने वाली नहीं हूँ' का दावा करने वाली नेता को अगले ही दिन भाग जाना पड़ा। उनकी नाटकीय नाकामी ने कंज़र्वेटिव पार्टी की राजनीतिक समझ पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री कौन - सुनाक, जॉनसन या कोई और?
- दुनिया
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- 22 Oct, 2022

ब्रिटेन के आम लोग और लगभग पूरी दुनिया कंज़र्वेटिव पार्टी के सांसदों और उन पौने दो लाख सदस्यों की समझ पर हँस रही है जिन्होंने आर्थिक संकट की इस घड़ी में आर्थिक संयम से काम लेने वाले नारे पर चुनाव लड़े भारतीय मूल के ऋषि सुनाक की जगह लिज़ ट्रस को चुना जिन्हें वित्तीय मामलों का कोई अनुभव नहीं था।
दुनिया की सबसे सफल मानी जाने वाली कंज़र्वेटिव पार्टी की वे तीन साल में तीसरी नेता चुनी गई थीं और अब उसी पार्टी को एक ही साल में तीसरा नेता चुनना पड़ेगा। अर्थव्यवस्था चलाने के मामले में कंज़र्वेटिव पार्टी पर ख़ास तौर से भरोसा किया जाता रहा है।
पर लिज़ ट्रस ने कम टैक्स और तेज़ विकास की किताबी आर्थिक नीति को युद्ध, मंदी और कमरतोड़ महँगाई के चुनौतीपूर्ण और प्रतिकूल माहौल में थोपने की कोशिश करके अपनी पार्टी ही नहीं वरन पूरे देश की बरसों से कमाई आर्थिक साख पर बट्टा लगा दिया।