इब्राहीम रईसी ईरान के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं। पिछले शुक्रवार को हुए राष्ट्रपतीय चुनाव में उन्हें 62 प्रतिशत वोट मिले। निवर्तमान राष्ट्रपति हसन रूहानी दो कार्यकाल पूरे कर लेने के कारण चुनाव नहीं लड़ सकते थे। केवल 48.8 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले जो इस्लामी क्रांति के बाद से हुए अब तक के चुनावों में सबसे कम है। चुनाव प्रेक्षकों को तो इससे भी कम मतदान की आशंका थी। क्योंकि लोगों में कोई उत्साह नहीं था।
ईरान में नई सरकार: इब्राहीम रईसी का चुनाव ईरान के खुलने का संकेत है या…?
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- 21 Jun, 2021

रईसी के राष्ट्रपति बनने और आगे चलकर सर्वोच्च धर्मनेता बनने का रास्ता साफ़ हो जाने की वजह से ईरान पहली शर्त पूरी करने को तो शायद तैयार हो जाए लेकिन दूसरी शर्त के लिए राज़ी होना अमेरिका के सामने घुटने टेकने जैसा होगा जो रईसी की कट्टरपंथी सरकार को शायद ही मंजूर हो सके।
ईरान के राष्ट्रपतीय चुनावों में आम तौर पर धार्मिक कट्टरपंथी और उदारपंथी उम्मीदवारों के बीच टक्कर होती आई है। इस बार के चुनाव के लिए भी लगभग 600 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे। लेकिन ईरान में राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए देश की गार्डियन काउंसिल या शूरा-ए-निगेहबान के अनुमोदन की ज़रूरत भी होती है। इस बार परिषद ने केवल सात उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जिनमें से एक भी उम्मीदवार सुधारवादी या उदारपंथी नहीं था।