ब्रिटेन के प्रतिष्ठित अख़बार गार्डियन को ब्रिटेन के राष्ट्रीय अभिलेखागार से एक दस्तावेज़ हाथ लगा जिसमें साफ़ लिखा है कि काले आप्रवासियों या विदेशियों को महारानी एलिज़ाबेथ के यहाँ केवल सेवकों के रूप में तो रखा जाता था, दफ़्तरी कर्मचारियों के रूप में नहीं। मार्च 1968 का यह दस्तावेज़ गृहमंत्री जेम्स कैलहन के नस्ली भेदभाव संबन्ध विधेयक के लिए बनी कैबिनेट समिति की रिपोर्ट है। ब्रिटेन में उन दिनों लेबर पार्टी की सरकार थी और प्रधानमंत्री हैरल्ड विल्सन नस्ली भेदभाव को सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ रोज़गार और सेवा क्षेत्र से भी हटाना चाहते थे। विधेयक पर बहस कराने के लिए महारानी की स्वीकृति लेनी ज़रूरी थी और महारानी ने अपने कर्मचारियों की नियुक्ति को नए क़ानून के दायरे से बाहर रखने का प्रबंध होने के बाद स्वीकृति दी थी।