भारत के टीवी चैनलों को देखकर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के चेहरे पर शातिर हँसी तैर रही होगी। इसलिए नहीं कि उनकी सेना के पिट्ठू आतंकवादियों ने पहलगाम में 28 निर्दोष सैलानियों को मार दिया, बल्कि इसलिए कि प्रतिक्रिया बिल्कुल वैसी हैं, जैसी वे चाहते हैं। न्यूज़ चैनलों पर ‘धर्म पूछकर हिंदुओं की जान लेने’ की बड़ी-बड़ी ब्रेकिंग चलाई जा रही है और भारत के सत्ता-सूत्र सँभाल रही बीजेपी का आईटी सेल इसे आपदा में अवसर मानते हुए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की लहर पैदा करने में जुट गया। आसिम मुनीर बिल्कुल यही चाहते थे।

15 अप्रैल को जनरल मुनीर ने इस्लामाबाद में पहले ओवरसीज़ पाकिस्तानीज़ कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘टू-नेशन थ्योरी पाकिस्तान के अस्तित्व की नींव है’। उन्होंने प्रवासी पाकिस्तानियों से अपील की थी कि ‘वे अपने बच्चों को पाकिस्तान की स्थापना की कहानी सुनाएँ ताकि राष्ट्रीय पहचान और टू नेशन की थ्योरी की समझ कमज़ोर न हो।’