राहुल गाँधी पर आरोप है कि वे इंडिया गठबंधन को जीत नहीं दिला पा रहे हैं। एक क्षण के लिए मान भी लिया जाए कि सारी ज़िम्मेदारी अकेले राहुल की है पर क्या उनकी ओर से उठाये गये मुद्दे भी ग़लत हैं? जानिए, आख़िर राहुल किस तरह की राजनीति कर रहे हैं।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान के साथ गर्मजोशी भरे रिश्तों का नया दौर शुरू किया है। पाकिस्तान का एक मालवाहक पोत 13 नवंबर को बांग्लादेश पहुँचा। यह 53 साल पहले बांग्लादेश के जन्म के बाद दोनों देशों के बीच हुआ पहला सीधा समुद्री संपर्क था। ऐसे हालात कैसे बने और इसमें मोदी सरकार की भूमिका क्या है?
राहुल गांधी जब यह आरोप लगा रहे हैं कि गौतम अडानी को कई देशों में सौदा दिलाने में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पद का प्रभाव डाला और दोनों के बीच संबंध हैं तो बीजेपी उनको ग़द्दार क्यों बता रही है?
प्रियंका गांधी वायनाड से कांग्रेस सांसद बन गई हैं और वो 25 नवंबर से लोकसभा में नजर आएंगी। संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा। यानी प्रियंका संसद में भाजपा के लिए नई चुनौती होंगी। राहुल गांधी का मोर्चा लोग देख ही रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव ने प्रियंका के राजनीति में आने और होने का विश्लेषण किया है। पढ़िएः
वोट फ़ॉर डेमोक्रेसी यानी वीएफ़डी की रिपोर्ट में कहा गया है कि हरियाणा में 5 अक्टूबर यानी मतदान के दिन शाम 7 बजे से मतगणना की पूर्वसंध्या यानी 7 अक्टूबर शाम 8:45 तक मतदान का वोट 6.71 प्रतिशत कैसे बढ़ गया?
योगी आदित्यनाथ महाराष्ट्र में जाकर शिवाजी का ज़िक्र करते हुए आख़िर ‘बंटेंगे तो कटंगे’ का नारा किस आधार पर दे रहे हैं? क्या शिवाजी की विचारधारा उस तरह की है जैसी योगी ने पेश करने की कोशिश की?
एक लेख में राहुल गांधी द्वारा राजे-रजवाड़ों की ‘अंग्रेज़ भक्ति’ पर उठाए गए सवालों पर आख़िर ज्योतिरादित्य सिंधिया क्यों भड़के हैं? जानिए, सिंधिया परिवार का क्या इतिहास रहा है।
साफ़ तौर पर यह सवाल अब हिंदुओं से पूछा जाना चाहिए कि धर्म के नाम पर हो रहा यह अधर्म कब तक बर्दाश्त करोगे। वेदांत तो संपूर्ण संसार को ब्रह्म की अभिव्यक्ति मानता है तो मुस्लिम इससे बाहर कैसे हुए?
आरएसएस प्रमुख मोहन हिंदुओं की ‘दुर्बलता’ से चिंतित हैं, लेकिन क्या उन्हें इसकी चिंता है कि भारत का आम हिंदू ‘पुष्ट’ होने के लिए भोजन क्यों नहीं कर पा रहा है?
बहराइच में हिंसा ग्रामीण क्षेत्रों तक कैसे फैल गई? जबकि इसे आसानी से रोका जा सकता था जैसा कि एक दिन बाद रोका गया। क्या अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हमले को संगठित करके वोट बटोरने का टेस्टेड ‘गुजरात मॉडल’ यूपी में दोहराने की कोशिश की जा रही है?
हरियाणा और जम्मू कश्मीर दोनों विधानसभाओं के चुनाव परिणाम के क्या मायने हैं? बीजेपी हरियाणा की ‘जीत’ की बात कर रही है तो वह जम्मू कश्मीर में जो नतीजे आए हैं उसको लेकर अपनी स्थिति का ज़िक्र क्यों नहीं कर रही है?
महात्मा गाँधी के जन्म दिवस की पूर्व-रात्रि में लद्दाख से सात सौ किलोमीटर पदयात्रा करके दिल्ली पहुँचे पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके क़रीब डेढ़ सौ साथियों को क्यों गिरफ़्तार किया गया?
राज्यपाल आर.एन. रवि ने कहा कि "भारत 'धर्म' से कैसे दूर हो सकता है? धर्म-निरपेक्षता एक यूरोपीय अवधारणा है और इसे वहीं रहने दें। भारत में धर्म-निरपेक्षता की कोई ज़रूरत नहीं है।” आख़िर उनके बयान के मायने क्या हैं?
पुणे में ‘अर्नस्ट एंड यंग’ में काम करने वाली अन्ना सेबेस्टियन की मौत 20 जुलाई को हार्ट अटैक से हुई थी। अन्ना की माँ का आरोप है फर्म ने उनकी बेटी पर काम का जो बोझा डाला उससे दबकर उसकी मौत हो गई। तो क्या काम के घंटे तय नहीं होने चाहिए?
कांग्रेस ने राहुल गाँधी को दी गयी धमकियों के जवाब में देश भर में प्रदर्शन आयोजित किये। राहुल गाँधी को धमकाने वालों के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?
बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह ने सार्वजनिक तौर पर राहुल गांधी का नाम लेकर क्यों कह रहे हैं कि ‘आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ’?
किसी अपराध के अपराधी को अदालत की चौखट पर ले जाने से पहले ही ‘बुलडोज़र न्याय‘ से क्यों गुजरना पड़ रहा है? ये बुलडोज़र किसी का मकान या प्रतिष्ठान तोड़ने से पहले क्या न्याय व्यवस्था को मलबा नहीं बना देते हैं?
लैटरल एंट्री से उच्च पदों पर नियुक्ति को लेकर फँसी मोदी सरकार आख़िर कांग्रेस के शासन में नियुक्तियों का हवाला क्यों दे रही है? क्या यह तुलना किसी भी रूप में सही है?
बांग्लादेश में जो सिद्धांत ‘धर्म’ है, वह भारत की सरहद के अंदर ‘अधर्म’ कैसे हो सकता है? भारत में अल्पसंख्यकों से नफ़रत को ही ‘धर्म’ का पर्याय बना देना क्या है?
देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध क्यों लगाया था और इसको लेकर उनकी राय क्या थी? उनकी राय को सरकार द्वारा कर्मचारियों को आरएसएस में जाने की छूट देने के संदर्भ में समझिए।
डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले के संदर्भ में बीजेपी के आईटी सेल के चेयरमैन अमित मालवीय ने दावा किया कि जैसे अमेरिका में ट्रंप विरोधियों के बनाये माहौल का नतीजा जानलेवा गोलीबारी है वैसा ही परिणाम राहुल के बनाये मोदी विरोधी माहौल का भी हो सकता है।