22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई, दर्जनों घायल हुए, और देश में ग़ुस्से की लहर दौड़ पड़ी। लेकिन इस त्रासदी के बीच एक और सवाल उठा: क्या सुरक्षा चूक को लेकर सरकार से सवाल पूछना ग़लत है? आज केंद्र की बीजेपी सरकार और उसके कार्यकर्ता उन लोगों को निशाना बना रहे हैं, जो पहलगाम हमले में सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। यहाँ तक कि ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ राष्ट्रद्रोह (BNS धारा 152) और सामाजिक वैमनस्य फैलाने जैसे गंभीर आरोपों में एफ़आईआर दर्ज की जा रही हैं।
लेकिन क्या ये वही बीजेपी नहीं, जिसने 2008 के मुंबई हमले के बाद तत्कालीन मनमोहन सरकार पर तीखे हमले किए थे? क्या उस समय मनमोहन सरकार ने बीजेपी के ख़िलाफ़ वैसी ही कार्रवाई की, जैसी आज मोदी सरकार कर रही है? आइए, इतिहास और वर्तमान के इस दोहरे रवैये को समझें।