1. वाल्मीकि रामायण की रामकथा बुद्ध और महावीर से बहुत पुरानी है। क्योंकि राम का पहला उल्लेख ऋग्वेद के दशम मंडल के 93वें (विश्वेदेवाः) सूक्त के 14वें मंत्र में एक शूरवीर राजकुमार के रूप में हुआ है। इतिहासकार ऋग्वेद का काल निर्विवाद रूप से 1500 ई पूर्व के आसपास मानते आए हैं:
रामकथा की मौलिकता और उसका प्रभाव
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- 30 Jul, 2023

रामकथा को लेकर बार-बार अलग-अलग दलीलें क्यों दी जाती रही हैं? जानिए, वाल्मीकि रामायण की रामकथा कितनी पुख्ता है?
प्र तद्दु॒:शीमे॒ पृथ॑वाने वे॒ने प्र रा॒मे वो॑च॒मसु॑रे म॒घव॑त्सु।
ये यु॒क्त्वाय॒ पञ्च॑ श॒तास्म॒यु प॒था वि॒श्राव्ये॑षाम्॥ १०.९३.१४
2. तमिल संगम साहित्य के दो काव्यों में रामकथा के प्रकरणों का उल्लेख हुआ है। पुराणनुरु या पुरपत्तु में राजा से मिले आभूषणों के उपहार को पहनने वाले कवि की तुलना उन बंदरों से की गई है जो रावण द्वारा हर कर ले जाई जा रही सीता के ज़मीन पर गिरे आभूषणों को पहन कर ख़ुश होते हैं। इसके रचयिता उन्पोडिपसुन्कुंडियार का समय ईसा पूर्व पहली शताब्दी माना जाता है।