कोई संबंध नहीं है। दोनों दो देशों के हैं। दो भाषाओं के। एक का संबंध भारतीय धर्म और संस्कृति से है। दूसरे का आधुनिक ब्रितानी समाज और रंगमंच से। पर कला की ये ताक़त है कि दो भिन्न-भिन्न चीजों को जोड़ सकती है। इस बार के यानी 2025 के `आद्यम थिएटर फेस्टिवल’ के तीसरे नाटक में यही हुआ। नाटक का नाम `सांप सीढ़ी’ जिसे शुभ्र ज्योति बाराट ने निर्देशित किया। पर ये एंथनी शेफर के अपराध- हत्या- रहस्य आधारित अंग्रेजी नाटक `स्लूथ’ का हिंदी रूपांतर था। ये दीगर बात है कि आजकल कुछ रूपांतरकार ब्रोशरों में अपने को लेखक के रूप में पेश कर देते हैं। शायद इसीलिए `सांप सीढ़ी’ के ब्रोशर में आकर्ष खुराना का नाम लेखक के रूप में गया है। हालांकि वे रूपांतरकार हैं और रूपांतर का काम उन्होंने बहुत अच्छा किया है। नाटक का निर्देशन भी उत्कृष्ट है। भव्यता लिए हुए। और अभिनय तो बेहतरीन है ही। दो ही अभिनेता हैं- कुमुद मिश्रा और सुमित व्यास। दोनों मंजे हुए। इस नाटक को इन दोनों ने मिलकर एकदम झकास बना दिया है।