शैलेश लोढ़ा वैसे तो छोटे पर्दे पर मनोरंजन के लिए मशहूर हैं, लेकिन उन्होंने दिल्ली के श्री राम सेंटर में `डैड्स गर्लफ्रेंड’ नाम के नाटक में काम किया। जानिए, कैसा है रहा उनका प्रदर्शन।
दिल्ली के कमानी सभागार में आद्यम थिएटर फेस्टिवल के दौरान अतुल कुमार द्वारा निर्देशित नाटक `द क्यूरियस इंसीडेंट ऑफ़ द डॉग इन द नाइट- टाइम’ का मंचन किया गया। पढ़िए, रवीन्द्र त्रिपाठी की समीक्षा।
निर्देशक राजेश तिवारी के निर्देशन में पिछले शनिवार दिल्ली के श्रीराम सेंटर में `नन्ही जान के दो हाथ’ एक ऐसा प्रयोग था जिसमें दो कहानियों को इस तरह मिलाया गया कि वे अलग-अलग लगी ही नहीं। पढ़िए रवीन्द्र त्रिपाठी की समीक्षा।
युवा रंगकर्मी दिव्यांशु कुमार ने दिल्ली की `क्षितिज’ रंगमंडली के लिए पिछले दिनों श्रीराम सेंटर में `हैमलेट’ नाटक को रूपांतरित करके `दार्जिलिंग वेनम’ नाम से मंचन किया। पढ़िए, रवींद्र त्रिपाठी की समीक्षा।
आज इंडोनेशिया में जिस छाया- पुतली नाटकों की काफी लोकप्रियता है वो ओडिशा से ही गया है। तो आज़ादी के बाद देश के कुछ हिस्सों में जो आधुनिक रंग-आंदोलन शुरू हुआ वो ओडिशा को उस तरह प्रभावित क्यों नहीं कर सका?
रूस की लेखिका जरीना कनुकोवा के चार नाटकों का संग्रह `दास्तान ए दिल’ नाम से हिंदी में अनुदित होकर आया है। इसी संग्रह के एक नाटक `बात पुराने जमाने की है और हमेशा’ का मंचन पिछले हफ्ते दिल्ली के रूसी सांस्कृतिक केंद्र में हुआ।
राजेश तिवारी द्वारा लिखित और उनके निर्देशन में श्रीराम सेंटर में हुए नाटक `नारी बीच सारी है कि सारी बीच नारी है’ में लैंगिक विमर्श के ऐसे कई मसले उभरते हैं।
महाराष्ट्र के चंद्रपुर की लोकजागृति संस्था ने पिछले दिनों दिल्ली के त्रिवेणी कला संगम में अनिरुद्ध वनकर ने `गांधी कभी मरते नहीं’ नाटक खेला। जानिए, इस नाटक में गांधी के ख़िलाफ़ दुष्प्रचारों पर कैसी चोट की गई है।
पढ़िए, मानव कौल द्वारा निर्देशित, अभिनीत और लिखित `त्रासदी’ और सपन सरन द्वारा लिखित और श्रीनिवास बिसेट्टी द्वारा निर्देशित `वेटिंग फॉर नसीर’ नाटक का मंचन कैसा रहा।
ग़ज़ल की यात्रा को नाटक “दाखिल ख़ारिज” में समेटने की कोशिश की गयी है। ग़ज़ल की यात्रा शुरू होती है प्रारंभिक लेखक मीर तक़ी मीर, ज़ौक़, और ग़ालिब जैसे लेखकों से।
पंचानन पाठक उन लोगों में हैं जिन्होंने आधुनिक रंगकर्म को, खासकर इलाहाबाद और दिल्ली में, प्रगतिशील चेतना से लैस किया। पढ़िए, उनकी याद में होने वाले समारोह के बारे में।