loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2025

दिल्ली 70 / 70

आप
22
बीजेपी
48
कांग्रेस
0
अन्य
0

चुनाव में दिग्गज

सत्येंद्र जैन
आप - शकूर बस्ती

हार

अवध ओझा
आप - पटपड़गंज

हार

रमेश बिधूड़ी
बीजेपी - कालकाजी

हार

अलका लांबा
कांग्रेस - कालकाजी

हार

“अजातशत्रु” का मंचन: मीडिया, पैसा, राजनीति और आम आदमी का संकट

राजनीति के कई रंग हैं। वो आम आदमी के बेहतर जीवन के लिए संघर्ष करती दिखाई दे सकती है। लेकिन सत्ता और संपति पर कब्जा के लिए आम आदमी की जिंदगी को संकट में डालने से भी उसे परहेज नहीं हो सकता है। मीडिया, पूंजीपति और राजनेताओं का गठजोड़ अपने फायदे के लिए जनता को किस तरह गुमराह करता है, उसका एक बड़ा उदाहरण नार्वे के लेखक हेनरिक इब्सेन के नाटक “ऐन एनिमी ऑफ़ द पीपल” में मिलता है। मानववाद और यथार्थवाद के जनक माने जाने वाले हेनरिक ने ये नाटक 1882 में लिखा था। 

क़रीब डेढ़ सौ साल बाद भी ये नाटक उतना ही प्रासंगिक है, जितना अठारहवीं सदी के यूरोप के लिए प्रासंगिक था। मशहूर गायिका इला अरुण ने इस नाटक के भारतीय रूपांतर, “अजातशत्रु” को आज के भारत के लिए भी उतना ही प्रासंगिक बना दिया है। जाने माने निर्देशक के के रैना ने इसे भारत रंग महोत्सव में प्रस्तुत किया।

ताज़ा ख़बरें

सच की हार!

नाटक का कथानक दो भाइयों के बीच संघर्ष के इर्द गिर्द बुना गया है। बड़ा भाई नेता और व्यवसायी है और हर क़ीमत पर अपनी सत्ता तथा मुनाफा बचाने के लिए षड्यंत्र करता है। छोटा भाई डॉक्टर है और आम आदमी के लिए संघर्ष करता है। धार्मिक आस्था का प्रतीक एक कुंड (तालाब) का पानी चमड़े के एक कारखाना का गंदा पानी मिलने के कारण प्रदूषित हो गया है। इस कुंड के आसपास एक मेला लगता है। छोटा भाई जो डॉक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी है, कुंड की सफाई तक बंद करने और मेला रोकने के लिए सत्ता, यानी अपने बड़े भाई से लड़ता है।  

मेला से मुनाफा खत्म हो जाने के डर से बड़ा भाई मेला और कुंड का पानी रोकने के लिए तैयार नहीं होता है। नगर के व्यापारी बड़े भाई के साथ हो जाते हैं। शहर के अखबार पर दबाव डाल कर कुंड के गंदे पानी की ख़बर छापने से रोक दिया जाता है। राजनीति, पूंजीपति और मीडिया का गठजोड़ आम जनता को धार्मिक आस्था के नाम पर छोटे भाई के ख़िलाफ़ कर देता है और उसकी हत्या करा दी जाती है। इला अरुण ने इस कुंड को हिंदू देवता ब्रह्मा से जोड़ कर इसे पूर्णतः भारतीय बना दिया है। आज के भारत में नेता और मुनाफाखोर, आम लोगों की धार्मिक आस्था का जिस तरह दुरुपयोग कर रहे हैं, उसकी पूरी झलक इस नाटक में मिल जाती है।

दमदार प्रस्तुति

के के रैना ने बड़े सधे हुए अंदाज में इस नाटक को पेश किया। मुख्य भूमिकाओं में अभिषेक पांडे, विजय कश्यप, गुनीत सिंह, अदिति शर्मा और इशिता अरुण ने सहज अभिनय और संवाद के ज़रिए नाटक को एक नयी पहचान दे दी। के के रैना और इला अरुण बहुत छोटी लेकिन प्रभावशाली भूमिकाओं में नजर आए। 

विविध से और ख़बरें
पार्श्व संगीत में छापा खाना और टाइप राइटर की आवाज का सटीक इस्तेमाल किया गया। रूपांतर के बाद यह नाटक आज के भारत के प्रतिनिधि की तरह दिखाई देता है। आज के कई नेता लोगों की धार्मिक आस्थाओं से खुलकर खेल रहे हैं। व्यापारी को अंध भक्ति में मुनाफा दिखाई देता है। मीडिया पर बड़े पूंजीपतियों का अधिकार होता जा रहा है। विज्ञापन के ज़रिए सरकार और पूंजीपति दोनों ही मीडिया पर नियंत्रण करने लगे हैं। लूट के खेल में शामिल गठजोड़ जमकर मुनाफा कमा रहा है। अंध भक्ति में जनता छली जा रही है। नाम और चेहरे बदल जाते हैं, लेकिन धर्म के नाम पर कारोबार लगातार चलता रहता है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
शैलेश
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

विविध से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें