दुनिया में ऐसे लोगों की तादाद बढ़ रही है जो अपने धर्म से ऊब कर अपना धर्म ही छोड़ रहे हैं। धर्म छोड़ने वालों की संख्या आज इतनी बढ़ गई है कि ‘धर्महीनता’ चौथा सबसे बड़ा धर्म बन गया है। जी हाँ, आपने सही समझा, ये धर्म छोड़ने वाले लोग किसी और धर्म में नहीं जा रहे हैं। वे अपने आप को या तो नास्तिक करार देते हैं या फिर अग्नोस्टिक, यानि वैसे लोग जो इस बात को लेकर निश्चिंत नहीं हैं कि कोई ईश्वर है भी या नहीं... कुछ लोग अपने धर्म के कॉलम में ‘कोई धर्म नहीं’ भी लिखते हैं।