उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में एक बार फिर संसद की सर्वोच्चता की वकालत करते हुए न्यायपालिका की भूमिका पर सवाल उठाए। धनखड़ ने कहा, "संसद ही देश की सर्वोच्च संस्था है, जो लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती है।" धनखड़ के इस बयान पर भी विवाद हो गया है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने धनखड़ को आड़े हाथों लिया है। धनखड़ का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल के महीनों में धनखड़ और बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं और सांसदों ने न्यायपालिका पर तीखे हमले किए हैं। यह विवाद भारत के लोकतांत्रिक ढांचे में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्ति संतुलन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।