देश में कानून का राज है लेकिन संघ प्रमुख मोहन भागवत यहां डंडा राज स्थापित करना चाहते हैं। हाल ही में उन्होंने जो प्रवचन दिया है, उसका कुल मतलब यही है। यानी आरएसएस स्वयंसेवक की लाठी के सहारे इस देश को चलाना चाहता है। फिर तो चुनाव और राजनीतिक दलों की भी जरूरत नहीं है। न किसी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की जरूरत है। संघ के डंडे से देश चलता रहे। इस महान देश में ऐसी अराजक सोच से पता चलता है कि क्यों यह संगठन अंग्रेजों का पिट्ठू था, क्यों ब्रिटिश हुकूमत के लिए काम करता था। पढ़िएः