जब किसी बड़े व्यक्ति पर आधारित कोई सफल नाटक होता है तो उसकी याद हमेशा बनी रहती है। नाटक की भी और व्यक्ति की भी। लेकिन साथ-साथ ये भी होता है कि उस व्यक्ति के बारे में कई तरह की जिज्ञासाएँ भी सक्रिय हो जाती हैं। सहृदय समाज के मन में ये प्रश्न उठने लगते हैं कि जिस शख्स को लेकर नाटक हुआ, उसने और क्या क्या किया? फिर इसी कड़ी में ये भी संभावना बनती जाती है कि उस व्यक्ति को केंद्र मे रखकर कोई और भी नया नाटक हो। नज़ीर अकबराबादी (1735-1830) के साथ भी यही हो रहा है।
नज़ीर की शायरी में जो उल्लास है...
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- 22 Mar, 2025

हबीब तनवीर का प्रसिद्ध नाटक ‘आगरा बाज़ार’ मशहूर शायर नज़ीर अकबराबादी की ज़िंदगी और उनकी शायरी पर आधारित था। जानें इस नाटक की खासियत और इसके ऐतिहासिक महत्व के बारे में।
सन् 1954 में हबीब तनवीर ने `आगरा बाज़ार’ नाम का जो नाटक किया था वो नज़ीर अकबराबादी की शख्सियत पर ही आधारित था। जिसे कहते हैं न - छा जाना, वही इस नाटक के साथ हुआ। `आगरा बाज़ार’ हिंदी भाषी इलाके में छा गया और और आज भी छाया हुआ है। हबीब तनवीर अब नहीं रहे लेकिन `आगरा बाज़ार’ अभी भी हो रहा है और कई बार इसे देख चुके दर्शक भी इसे फिर से देखने जाते हैं। हबीब तनवीर द्वारा स्थापित `नया थिएटर’ भी इसे करता है और दूसरे निर्देशक भी इसे खेलते हैं।