महाभारत का चरित्र कर्ण भारतीय मानस में सहस्राब्दियों से छाया हुआ है। आधुनिक काल में भी उसे लेकर कई उपन्यास-नाटक लिखे जा रहे हैं। अब जब महाभारत की कीर्ति भारत से निकलकर पूरी दुनिया में फैल रही है तो इसके चरित्रों की ओर भी दुनिया भर के रंगकर्मियों और संस्कृतिकर्मियों का ध्यान जा रहा है। खासकर कुछ साल पहले पीटर ब्रूक द्वारा महाभारत के मंचन के बाद। इसी कड़ी में ताजा उदाहरण है नाटक `कर्ण’ जो इस बार के भारत रंग महोत्सव में ताइवान से आया। पर निदेशक भारतीय - मणिपुरी मूल के हैं। नाम है चोंगथम जयंता मितेई। जयंता मितेई राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के स्नातक रह चुके हैं। उसके बाद उन्होंने सिंगापुर में नाट्य प्रशिक्षण लिया। पिछले कुछ बरसों से वे ताइवान में रह रहे हैं और वहां रंगकर्म भी कर रहे हैं। उनके द्वारा निर्देशित इस नाटक को लिखा है हिमांशु बी जोशी ने जो दिल्ली के नाट्य जगत में बरसों से सक्रिय हैं।
भारंगम 2025 : ये कर्ण महान है!
- विविध
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- 12 Feb, 2025

भारंगम 2025 में ‘कर्ण’ नाटक का मंचन किया गया। इसमें महाभारत के प्रसिद्ध पात्र कर्ण की गाथा को प्रस्तुत किया गया है। पढ़िए, इस नाट्य प्रस्तुति की समीक्षा, रवींद्र त्रिपाठी की क़लम से...
कर्ण से जुड़ी कथाएँ तो भारतीयों के लिए परिचित हैं ही पर निर्देशक ने इनको इस तरह पेश किया है कि ताइवानी या विदेशी दर्शकों को समझने और उसका आस्वाद करने में कठिनाई न हो।