दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर 25 मई को मतदान है। पिछले दो आम चुनावों से भाजपा सबी 7 सीटें जीतती आ रही है। लेकिन इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने समझौता करके समीकरण बदल दिया है। लेकिन कमजोर उम्मीदवार, मौसम और स्थानीय राजनीति मिलकर इस समीकरण पर भारी भी पड़ सकते हैं। दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार दिलबर गोठी बता रहे हैं दिल्ली का सियासी हालः
क्या दिल्ली में यमुना का हाल कभी सुधरेगा? इस बार यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गया? जानिए, आख़िर वजह क्या है और क्या इसको सुधारने का प्रयास किया गया।
सत्ता के लिए राजनीतिक दल किस स्तर तक गिर सकते हैं, एमसीडी यानी दिल्ली नगर निगम का चुनाव उसका सबसे बड़ा प्रमाण है। किस राजनीतिक दल का नाम लें। कोई किसी से कम नहीं। शुचिता, मर्यादा, ईमानदारी, भ्रष्टाचार मुक्त दिल्ली की बात करने वाले बहुत घटिया राजनीति पर उतर आए हैं।
दिल्ली के मेयर की लड़ाई के चक्कर में बीजेपी अपनी फजीहत बुरी तरह से करवा रही है। दिल्ली पर बारीक नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार दिलबर गोठी का कहना है कि दिल्ली बीजेपी के पास परिपक्व नेताओं की कमी है। दिल्ली की लोकल राजनीति के फैसले राष्ट्रीय राजनीति के फैसलों की तरह नहीं हो सकते।
एमसीडी में मेयर का चुनाव आज सोमवार को होने वाला है। अभी तक चुनाव दो बार स्थगित हो चुका है। दिल्ली के मामलों पर बारीक नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार दिलबर गोठी बता रहे हैं कि इस बार भी चुनाव की उम्मीद कम है।
बीजेपी 15 साल तक लगातार एमसीडी की सत्ता में रही। इस बार आम आदमी पार्टी से उसे तगड़ी चुनौती मिल रही है। क्या आम आदमी पार्टी उसे हरा पाएगी? एमसीडी में इस बार किसका मेयर बनेगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
दिल्ली नगर निगम चुनाव का आख़िर माहौल क्या है? क्या बीजेपी के क़िले को इस बार आप ढहा पाएगी या फिर एमसीडी चुनाव में बीजेपी को हराना आप के बस की बात नहीं?
दिल्ली सरकार की आबकारी नीति तीखी आलोचना का विषय बन चुकी है। हालांकि सरकार ने आबकारी नीति वापस ले ली है। लेकिन यह विश्लेषण जरूरी है कि आखिर उनकी आबकारी नीति में गड़बड़ी कहां, कैसे और क्यों हुई।
दिल्ली में राजेंद्र नगर उपचुनाव से आम आदमी पार्टी की भावी राजनीति की दशा और दिशा दिल्ली में तय होगी। बीजेपी की नजर इस सीट पर है। वो इस उपचुनाव को गंभीरता से लेने जा रही है, ताकि जीत दर्ज कर आप और केजरीवाल के खिलाफ माहौल बनाया जा सके।
क्या दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था में बड़े बदलाव होने वाले हैं? क्या तीनों निगमों को एक करने की तैयारी है और मुख्यमंत्री का ओहदा घट जाएगा? क्या केजरीवाल इसे स्वीकार करेंगे?
दिल्ली हाई कोर्ट ने तो यहाँ तक कहा है कि मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को तो अपना कमिटमेंट पूरा करना पड़ेगा क्योंकि उन्होंने जो वादा किया है, वह मुख्यमंत्री के रूप में किया है।
डॉ. हर्षवर्धन के केंद्रीय मंत्रिमंडल से रुख्सत होने के बाद अब दिल्ली की केंद्र सरकार में नुमाइंदगी राज्य मंत्री के रूप में नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ही रह गई हैं।
डॉ. हर्षवर्धन को मोदी सरकार से हटाया जाना दिल्ली की राजनीति के लिए ऐसी घटना है जिसकी कल्पना डॉ. हर्षवर्धन ने तो क्या उनके विरोधियों ने भी नहीं की होगी।
पंजाब में अगले साल के शुरू में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी के सर्वेसर्वा अरविंद केजरीवाल ने धमाका करते हुए बिजली पर ही दूसरी पार्टियों को तीन करंट लगा दिए।
2015 में 67 और 2020 में 62 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी को ऐसा लग रहा है कि इतना प्रचंड बहुमत भी उसके लिए काफी नहीं है। उसे लग रहा है कि केंद्र सरकार नए फ़ैसले कर रही है ताकि आम आदमी पार्टी इतना प्रचंड बहुमत होने के बाद भी दिल्ली में जो चाहे, वह न कर सके।
अरविंद केजरीवाल अब रामभक्त भी हो गए। दिल्ली में अपनी सरकार को रामराज्य लाने वाली सरकार बनाने का संकल्प भी कर लिया और उन दस सूत्रों को भी गिनवा दिया जिनसे साबित हो सके कि केजरीवाल तो पक्के रामभक्त हैं।
किरण बेदी का विवादों के साथ चोली-दामन का साथ रहा है। वह देश की पहली महिला आईपीएस बनकर सबसे पहले चर्चा में आई थीं। अब किरण बेदी पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद से हटा दी गई हैं।
जिस दिल्ली में कोरोना पर काबू पाने का दावा किया जा रहा था, वहाँ पिछले दो दिनों से लगातार 1800 से ज़्यादा मरीज़ों के आने के बाद अब इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि राजधानी में कोरोना फिर लौट रहा है।