9 मार्च को जब दिल्ली के चुनाव आयुक्त आर.के. श्रीवास्तव ने नगर निगम चुनाव की तारीख़ों का ऐलान करने के लिए प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी तो किसी को ऐसा नहीं लगता था कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव टल रहे हैं। हालाँकि पिछले साल अक्टूबर में जब बीजेपी हाईकमान ने नगर निगम चुनावों पर इंटरनल सर्वे कराया था तो उसे अपनी हालत बहुत अच्छी नज़र नहीं आई थी। तभी कुछ नेताओं ने यह सुझाव दिया था कि अगर तीनों नगर निगमों को एक कर दिया जाए तो बीजेपी की हालत में सुधार हो सकता है। तभी से इन संभावनाओं पर विचार हो रहा था लेकिन 9 मार्च को जब चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस बुला ली और यह भी ऐलान कर दिया कि शाम को चुनाव की तारीख़ें घोषित कर दी जाएंगी तो फिर किसी को शक-शुबह नहीं बचा था। चुनाव होना तय मान लिया गया था।