9 मार्च को जब दिल्ली के चुनाव आयुक्त आर.के. श्रीवास्तव ने नगर निगम चुनाव की तारीख़ों का ऐलान करने के लिए प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी तो किसी को ऐसा नहीं लगता था कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव टल रहे हैं। हालाँकि पिछले साल अक्टूबर में जब बीजेपी हाईकमान ने नगर निगम चुनावों पर इंटरनल सर्वे कराया था तो उसे अपनी हालत बहुत अच्छी नज़र नहीं आई थी। तभी कुछ नेताओं ने यह सुझाव दिया था कि अगर तीनों नगर निगमों को एक कर दिया जाए तो बीजेपी की हालत में सुधार हो सकता है। तभी से इन संभावनाओं पर विचार हो रहा था लेकिन 9 मार्च को जब चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस बुला ली और यह भी ऐलान कर दिया कि शाम को चुनाव की तारीख़ें घोषित कर दी जाएंगी तो फिर किसी को शक-शुबह नहीं बचा था। चुनाव होना तय मान लिया गया था।
क्या केजरीवाल दिल्ली के मेयर बनना चाहेंगे?
- दिल्ली
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- 16 Mar, 2022

क्या दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था में बड़े बदलाव होने वाले हैं? क्या तीनों निगमों को एक करने की तैयारी है और मुख्यमंत्री का ओहदा घट जाएगा? क्या केजरीवाल इसे स्वीकार करेंगे?
मगर, ऐन वक़्त पर चुनावों की तारीख़ घोषित होने से क़रीब एक घंटा पहले गृह मंत्रालय ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल की मार्फत चुनाव आयोग को संदेश भिजवा दिया कि नगर निगमों को एक करने के प्रस्ताव पर सरकार विचार कर रही है। इसलिए चुनावों की तारीख़ घोषित न की जाए।