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प्रवेश वर्मा (बायें) और कपिल मिश्रा

दिल्ली सरकारः क्या किसी को प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा के बयान याद हैं

दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा इस समय सोशल मीडिया पर सबसे हॉट टॉपिक हैं। लोग उनको कई तरह से याद कर रहे हैं। कुछ तो उन्हें उनके बयानों के लिये याद कर रहे हैं और कुछ हाल के विधानसभा चुनाव में उनकी गतिविधियों के लिए याद कर रहे हैं।
हालांकि सोशल मीडिया पर यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी में टॉप लीडरशिप से लेकर निचले स्तर तक के नेताओं के बयान और ट्वीट चर्चा में रहते हैं। ऐसे में सिर्फ इन्हीं दोनों या मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को क्यों दोष दिया जा रहा है। एक्स पर यूजर संजय के. झा ने बीजेपी के संबंध में बहुत महत्वपूर्ण बात कही है। वो लिखते हैं-  दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता के ट्वीट्स को खंगालते हुए कुछ लोग उनकी भाषा पर सवाल उठा रहे हैं। यह सिर्फ़ अश्लील भाषा की बात नहीं है, यह एक घिनौनी मानसिकता, एक विकृत चरित्र और एक घटिया राजनीतिक संस्कृति को दर्शाता है। भारत को इस पर बहुत चिंतित होना चाहिए। आइए जानते हैं कि प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा ने कब क्या कहाः

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अक्टूबर 2022 में प्रवेश वर्मा ने कहा था- “जहां-जहां यह लोग आपको दिखाई दें, मैं आपको कहता हूं कि अगर आपको इनका दिमाग ठीक करना है, इनकी तबीयत ठीक करनी है तो इनका एक ही इलाज है वह है संपूर्ण बहिष्कार।” प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने बारिश में मौजूद वहां लोगों से पूछा कि क्या वे इस बात के लिए तैयार हैं और अगर तैयार हैं तो वे लोग हाथ खड़े करके उन्हें समर्थन दें। बीजेपी सांसद ने लोगों से कहा कि वह इस बात को दोहराएं कि इस समुदाय के लोगों का संपूर्ण बहिष्कार किया जाएगा। वीडियो देखने के लिए नीचे लिंक देखिये।
इसी रैली में प्रवेश वर्मा ने कहा था- “लोग इस बात का संकल्प लें कि हम इनकी दुकान और रेहड़ियों से कोई सामान नहीं खरीदेंगे और हम इन्हें किसी तरह की मजदूरी नहीं देंगे और यही इनका इलाज है।” बीजेपी सांसद ने कहा कि यह लोग रेहड़ियां लगा रहे हैं, इनकी रेहड़ियों से सब्जी नहीं खरीदी जाए, यह लोग मांस-मछली की दुकान खोलते हैं, एमसीडी से कहकर ऐसे लोग जिनके पास लाइसेंस नहीं है उनकी दुकानों को बंद कराया जाए और इनके रेस्तरां का संपूर्ण बहिष्कार किया जाए। 

दिल्ली में साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले जब सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में महिलाओं का आंदोलन चल रहा था तब भी प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने विवादित बयान दिया था। तब वर्मा ने कहा था,‘...दिल्ली की जनता जानती है जो आग आज से कुछ साल पहले कश्मीर में लगी थी, वहां कश्मीरी पंडितों की बहन-बेटियों से रेप हुआ था। इसके बाद ये आग यूपी, केरल, हैदराबाद में लगती रही और आज ये आग दिल्ली के एक कोने में लग गई है।’
'आपकी बहन-बेटियों को उठायेंगे, उनके साथ रेप करेंगे, उनको मारेंगे...'प्रवेश वर्मा ने उस समय न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा था- ‘वहां (शाहीनबाग) लाखों लोग इकट्ठा हो जाते हैं, ये आग कभी भी दिल्ली के घरों तक पहुंच सकती है, हमारे घर में पहुंच सकती है। दिल्ली वालों को सोच-समझकर फ़ैसला लेना पड़ेगा। ये लोग आपके घरों में घुसेंगे, आपकी बहन-बेटियों को उठायेंगे, उनके साथ रेप करेंगे, उनको मारेंगे। इसलिए आज समय है, कल मोदी-अमित शाह नहीं आयेंगे बचाने। इसलिए दिल्ली के लोग आज अगर जाग जायेंगे, तो अच्छा रहेगा। दिल्ली के लोग तब तक सुरक्षित महूसस करेंगे जब तक मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं।’ 

प्रवेश वर्मा का 2020 में यह वीडियो भी वायरल हुआ था। सुनियेः

मंत्री कपिल मिश्रा भी प्रवेश वर्मा से कम नहीं

उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 में भीषण साम्प्रदायिक दंगा हुआ था। इसकी शुरुआत सीएए विरोधी आंदोलन, शाहीनबाग आंदोलन के दौरान हुई थी। आरोप है कि कपिल मिश्रा ने उस दौरान कई भड़काऊ भाषण दिये थे। पुलिस के सामने भीड़ को संबोधित करते हुए मौजपुर इलाके में उनका एक वीडियो काफी वायरल था। वीडियो लिंक नीचेः
दिल्ली दंगों के घटनाक्रम के बाद कपिल मिश्रा को दूसरे प्रदेश में भी बुलाया जाने लगा। मध्य प्रदेश में दिया गया उनका बयान सुनिये- 
कपिल मिश्रा ने एक्स पर अक्टूबर 2024 में यह वीडियो खुद ट्वीट किया था। सुनिये-
2020 के दिल्ली दंगों पर जारी दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की जांच रिपोर्ट में कहा गया था- पूरे घटनाक्रमों को देखिए। सड़क पर बैठ कर किया जा रहा यह प्रदर्शन तब तक शांतिपूर्ण था जब तक कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा मिश्रा ने प्रदर्शनकारियों के विरोध में वहाँ नागरिकता क़ानून के समर्थन में रैली नहीं निकाली थी। मिश्रा ने अपने समर्थकों के साथ जब रैली निकाली तो उस दौरान नागरिकता क़ानून का विरोध करने वालों के साथ झड़प हुई। दोनों ओर से पत्थरबाज़ी हुई। मिश्रा ने वीडियो जारी किया और फिर प्रदर्शनकारियों को धमकी भी दी। यह सब पुलिस के सामने हुआ। 

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इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने 26 फ़रवरी 2020 को इस मामले में सुनवाई करते हुए कही थी। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि वह पुलिस कमिश्नर को सलाह दें कि बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, प्रवेश सिंह वर्मा और कपिल मिश्रा के कथित नफ़रत वाले बयान पर एफ़आईआर दर्ज की जाए। हालाँकि, इस मामले में कार्रवाई आगे होने से पहले ही जज एस मुरलीधर का रात को ही ट्रांसफर हो गया और फिर वह मामला बाद में ख़त्म हो गया था। उन पर कोई केस नहीं हुआ था।

(रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी)
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क़मर वहीद नक़वी
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