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केजरीवाल अब बीजेपी को ब्रिटिश हुकूमत से भी बुरा क्यों बता रहे हैं?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की हार के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से दिल्ली में नजर आए पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने रविवार को पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। यह मौका था भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत को याद करने का, जिसे ‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम के तौर पर आयोजित किया गया था।

अपने संबोधन में केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और उनकी तुलना ब्रिटिश हुकूमत से की। उन्होंने कहा, “हमारे आदर्श बाबासाहेब आंबेडकर और भगत सिंह हैं। भगत सिंह कहा करते थे कि सिर्फ अंग्रेजों को हटाना काफी नहीं है, समाज की संरचना बदलनी होगी, वरना काले अंग्रेज उनकी जगह ले लेंगे। आज यही हुआ है।” उन्होंने मौजूदा शासकों को “अंग्रेजों से भी बदतर” करार दिया।

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केजरीवाल ने अपनी जेल अवधि की तुलना भगत सिंह की कैद से की। उन्होंने बताया कि जब वह जेल में थे, तो 15 अगस्त से पहले उन्होंने उपराज्यपाल (एल-जी) को एक पत्र लिखा था, जिसमें सुझाव दिया था कि उनकी अनुपस्थिति में आतिशी को तिरंगा फहराने की अनुमति दी जाए। लेकिन वह पत्र कभी डिलीवर नहीं हुआ। इसके बजाय, उन्हें नोटिस दिया गया और जेल में मिल रही सुविधाओं को छीनने की धमकी दी गई। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “कम से कम अंग्रेज सेंसर करने के बाद पत्र तो पहुंचा देते थे, ये लोग तो वह भी नहीं करते। ये अंग्रेजों से भी बदतर हैं।”

केजरीवाल ने भाजपा पर भगत सिंह और बी.आर. आंबेडकर की विरासत को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में सत्ता में आने के 48 घंटे के भीतर भाजपा ने सरकारी कार्यालयों से इन दोनों महान व्यक्तियों की तस्वीरें हटा दीं। उन्होंने कहा, “जब हमने सरकारी कार्यालयों में उनकी तस्वीरें लगाई थीं, तो कांग्रेस को आपत्ति थी कि महात्मा गांधी की तस्वीरें क्यों नहीं हैं। लेकिन जब भाजपा ने भगत सिंह की तस्वीरें हटाईं, तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई।” उन्होंने सवाल उठाया, “क्या देश के लिए भगत सिंह से ज्यादा बलिदान देने वाला कोई और है?”

केजरीवाल ने भाजपा सरकार पर दिल्ली में महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना में बाधा डालने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अब बस कंडक्टर महिलाओं को मुफ्त पिंक टिकट देने से मना कर रहे हैं, जब तक कि वे एक मोबाइल ऐप डाउनलोड न करें। उन्होंने पूछा, “वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? सुविधाओं को बेहतर करने के बजाय मौजूदा सुविधाएं छीनी जा रही हैं। अब तक तो उन्हें महिलाओं को 2,500 रुपये देना शुरू कर देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।”

कार्यक्रम की शुरुआत पार्टी मुख्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं के जुटने के साथ हुई। देशभक्ति गीतों पर नृत्य के साथ उत्सव का माहौल रहा। पार्टी ने सभी विधायकों, पार्षदों और फ्रंटल संगठनों के नेताओं को भारी संख्या में शामिल होने का आह्वान किया था।

आप ने डॉ. बी.आर. आंबेडकर की जयंती पर एक बड़े कार्यक्रम की योजना बनाई है, जिसमें सभी विधानसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क गतिविधियां शामिल होंगी।

पूर्व दिल्ली इकाई प्रमुख गोपाल राय, जिन्हें हाल ही में संगठनात्मक फेरबदल के बाद गुजरात में आप के चुनाव अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई है, ने अपने संबोधन की शुरुआत “वीर शहीदों की कुर्बानी, याद रखेंगे हिंदुस्तानी” के नारे से की। उन्होंने कहा, “हम संघर्ष से पैदा हुए हैं। आप मुश्किल परिस्थितियों में लड़ने के बारे में है। हमने दिल्ली से शुरुआत की, लेकिन अब पूरे देश में विस्तार करेंगे।”

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नव नियुक्त दिल्ली इकाई प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने पार्टी की तात्कालिक चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आप की पिछली जीत की तुलना भाजपा की हालिया जीत से की और कहा, “2015 और 2020 में हमारी सरकार बनने पर हर गली में खुशी थी। लेकिन अब भाजपा की जीत के बाद कोई जश्न नहीं मना रहा। उनके विधायक खुद उन लोगों को ढूंढ रहे हैं जिन्होंने उन्हें जिताया।” उन्होंने संगठन को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा, “पहले यह समझना मुश्किल था कि हमारे साथ कौन सचमुच है। लेकिन अब सोना और पीतल अलग हो गए हैं। इस समय जो हमारे साथ हैं, वे शुद्ध सोना हैं।”

रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी
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क़मर वहीद नक़वी
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