लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने अपना उपवास 16वें दिन खत्म कर दिया। केंद्र सरकार ने सोनम वांगचुक को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति, जो लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रही है, उसकीअगली बैठक 3 दिसंबर को करेगी। इसके बाद वांगचुक ने अपना उपवास खत्म कर दिया।
लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और हिमालय क्षेत्र में पर्यावरण संतुलन की सुरक्षा को लेकर दबाव बनाने के लिए अनशन पर बैठे सोनम वांगचुक ने 21वें दिन बड़ी घोषणा की। जानिए, उनकी अब लड़ाई कैसे जारी रहेगी।
तीन फ़रवरी को लद्दाख के क़रीब बीस हज़ार से ज़्यादा लोग सड़कों पर उतर आये थे । वे अपने लिए पूर्ण राज्य की माँग कर रहे हैं । यह उस शहर की लगभग एक तिहाई वयस्क आबादी के बराबर है । अब सोनम वांगचुक इन्हीं माँगों के लिए आमरण अनशन पर जा रहे हैं । यह सब क्यों हो रहा है?