वक्फ संपत्तियों को रेगुलेट करने के नाम पर, किसी संपत्ति को वक्फ के कब्जे में कैसे माना जाए, इसे फिर से तय करने के लिए सरकार एक विधेयक लाई है। इसमें वक्फ संपत्ति की परिभाषा से लेकर राज्यों में वक्फ बोर्डों के ढांचे को बदलने तक कई महत्वपूर्ण संशोधन शामिल हैं। इस विधेयक को मुस्लिम धर्मार्थ बंदोबस्ती.
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 नाम दिया गया है। इसे बुधवार 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जा रहा है।
वक्फ नियम संशोधनों में सबसे आपत्तिजनक क्या है?
- देश
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- सत्य ब्यूरो
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- 8 Aug, 2024
केंद्र सरकार वक्फ संपत्ति नियमों में संशोधन का विधेयक लाई है। बुधवार को इसे संसद में पेश किया जा रहा है। उसने पहले इसे मीडिया को लीक किया। इसके बाद सांसदों को इसकी प्रतियां दी गईं। देश की मुस्लिम संस्थाओं ने प्रस्तावित विधेयक का विरोध किया है। मोदी सरकार के प्रस्तावित संशोधनों में कुछ आपत्तिजनक नियम भी हैं। 40 नियमों में से प्रमुख प्रस्तावित संशोधनों को जानिएः

इसमें सबसे आपत्तिजनक प्रस्ताव है, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार वक्फ बोर्डों में एक गैर-मुस्लिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कम से कम दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को नियुक्त कर सकेगी। बड़ा सवाल यह है कि सरकार ने कई मंदिरों को लेकर ट्रस्ट और प्रबंध समितियां बना रखी हैं, क्या उनमें मुस्लिमों को कार्यकारी अधिकारी और सदस्य बनाकर कोई उदाहरण पेश किया गया। इस सवाल के साथ उदाहरण देने वाले अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट, वैष्णव देवी ट्रस्ट, देवस्थानम तिरुपति ट्रस्ट के नाम दिए जाते हैं।