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CM रेखा गुप्ता को वित्त, परवेश वर्मा PWD, कपिल मिश्रा को कानून विभाग मिला

दिल्ली में शपथ ग्रहण के दिन ही गुरुवार को विभागों का बँटवारा भी हो गया। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने वित्त, राजस्व, महिला और बाल विकास विभाग अपने पास रखे हैं। वरिष्ठ नेता प्रवेश वर्मा को पीडब्ल्यूडी और कपिल मिश्रा को क़ानून मंत्रालय की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।

वरिष्ठ नेता आशीष सूद गृह विभाग संभालेंगे। वह बिजली, शिक्षा और शहरी विकास विभाग भी संभालेंगे। प्रवेश वर्मा को लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी के अलावा सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग भी दिया गया है। इसी विभाग को यमुना नदी की सफाई का काम सौंपा गया है।

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पहली बार विधायक बने पंकज कुमार सिंह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा परिवहन विभाग संभालेंगे। रविंदर इंद्राज को समाज कल्याण और एससी-एसटी कल्याण विभाग का ज़िम्मा दिया गया है। पार्टी के कट्टर हिंदुत्व चेहरे कपिल मिश्रा कानून एवं न्याय मंत्रालय के अलावा श्रम विभाग का भी कार्यभार संभालेंगे। सिख नेता मनजिंदर सिंह सिरसा वन एवं पर्यावरण मंत्री होंगे, साथ ही उनको खाद्य एवं आपूर्ति विभाग भी दिया गया है।

गुरुवार को ही शपथ लेने वाली मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैबिनेट की बैठक भी ली। पहली कैबिनेट बैठक के दौरान दो प्रमुख एजेंडे स्वीकृत किए गए- आयुष्मान योजना और लंबित सीएजी रिपोर्ट। कैबिनेट ने आयुष्मान योजना को फिर से लागू किया। इसे पिछली आम आदमी पार्टी सरकार ने लागू नहीं किया था। यह योजना अब दिल्ली के लोगों के लिए उपलब्ध होगी। इसमें 5 लाख रुपये का अतिरिक्त लाभ और अन्य लाभ शामिल हैं। 

इसके अलावा नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानी सीएजी की चौदह लंबित रिपोर्ट पारित की गईं और उन्हें आगे की चर्चा के लिए विधानसभा में पेश किया जाएगा। कैबिनेट ने वित्तीय सहायता योजना पर भी चर्चा की, जिसके तहत महिलाओं को 2500 रुपये दिए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य उनका कल्याण और सशक्तिकरण करना है।
बीजेपी ने रेखा गुप्ता को बुधवार को मुख्यमंत्री घोषित किया था। गुरुवार को गृह मंत्रालय द्वारा आधिकारिक अधिसूचना जारी करने के बाद दिल्ली के कैबिनेट मंत्रियों पर सस्पेंस खत्म हो गया।

दिल्ली कैबिनेट में प्रवेश वर्मा, मनजिंदर सिंह सिरसा, रवींद्र कुमार इंद्राज, कपिल मिश्रा, आशीष सूद और पंकज कुमार सिंह को मंत्री बनाया गया है।

बता दें कि रेखा गुप्ता को बुधवार को विधायक दल की बैठक के बाद सीएम चुना गया था। सीएम पद के दावेदारों में प्रवेश वर्मा, विजेंद्र गुप्ता, बांसुरी स्वराज सहित कई लोगों के नाम चल रहे थे। लेकिन पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगी। दिल्ली में बीजेपी ने सुषमा स्वराज के रूप में पहली महिला सीएम दिया था। अब रेखा गुप्ता को इस पद पर चुना गया है। वह दिल्ली की चौथी महिला सीएम बनी हैं। इनसे पहले आतिशी और शीला दीक्षित दिल्ली की सीएम रही थीं।
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8 फरवरी को घोषित विधानसभा चुनाव में 70 में से 48 सीटों पर स्पष्ट बहुमत हासिल करने के बाद बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में लौटी है। रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग सीट पर आप की बंदना कुमारी और कांग्रेस के प्रवीण कुमार जैन को 29,595 वोटों के अंतर से हराया था। चुनाव नतीजों के दस दिन बाद सीएम का चुनाव हो पाया।

बीजेपी ने महिला मतदाताओं को लुभाने पर ध्यान केंद्रित किया था। घोषणापत्र में महिलाओं के लिए 2,500 रुपये मासिक सहायता, गर्भवती महिलाओं के लिए 21,000 रुपये और बुजुर्गों के लिए पेंशन का वादा किया गया था। इसने कहा था कि उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना था। बीजेपी के वादे आप से आगे निकलने की कोशिश थे, जिसने तीसरी बार चुनाव जीतने पर महिलाओं को 2,100 रुपये मासिक लाभ देने का वादा किया था।

कई राज्यों में चुनावों को देखते हुए बीजेपी महिलाओं पर फोकस कर रही है। कर्नाटक, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हुए हाल के चुनावों में महिला मतदाताओं ने काफ़ी अहम भूमिका निभाई है। रेखा गुप्ता बीजेपी द्वारा मौजूदा शासित राज्यों में एकमात्री महिला सीएम हैं।

भाजपा की अनुभवी नेता रेखा गुप्ता का राजनीतिक करियर छात्र राजनीति से शुरू हुआ और उनका राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा है। वर्तमान में दिल्ली बीजेपी की महासचिव के रूप में कार्यरत 50 वर्षीय नेता ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से जीत दर्ज की है।

पेशे से वकील रेखा गुप्ता की राजनीतिक यात्रा 1996 से 1997 तक दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में शुरू हुई। बाद में उन्होंने नगर निगम की राजनीति की ओर रुख किया और 2007 में उत्तरी पीतमपुरा (वार्ड 54) से दिल्ली पार्षद का चुनाव जीता। 2012 में सफलतापूर्वक फिर से चुनाव जीता। पहली बार विधायक बनी गुप्ता ने दक्षिण दिल्ली नगर निगम के मेयर के रूप में भी काम किया है। इससे उनकी प्रशासनिक साख और मजबूत हुई है।

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क़मर वहीद नक़वी
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