दिल्ली में आप-कांग्रेस साथ लड़ते तो क्या बीजेपी हार जाती? बीजेपी को वोट मिले 45.56 फ़ीसदी और आप को 43.57 फ़ीसदी। यानी फासला रहा सिर्फ़ दो फ़ीसदी का। कांग्रेस को वोट मिले 6.34 फ़ीसदी। गठबंधन में साथ होते तो इनका वोट फ़ीसदी बीजेपी से कहीं ज़्यादा होता। चुनाव से पहले आप और कांग्रेस के बीच बातचीत भी चली थी, लेकिन गठबंधन नहीं हो पाया। तो सवाल है कि आख़िर दोनों के बीच गठबंधन क्यों नहीं हो पाया? राहुल गांधी या अरविंद केजरीवाल की वजह से? चुनाव नतीजों के बाद दोनों दल एक-दूसरे को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं, तो इसका सच क्या है?