कई दिनों के विचार-विमर्श के बाद बीजेपी ने दिल्ली मुख्यमंत्री पद के लिए रेखा गुप्ता के नाम की घोषणा कर दी। शालीमार बाग निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बनीं रेखा गुप्ता को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वह यहाँ तक कैसे पहुँचीं, उनका राजनीतिक करियर कैसे आगे बढ़ा और इससे पहले वह किस पद पर थीं।
50 वर्षीय रेखा गुप्ता बीजेपी में एक प्रमुख हस्ती हैं। वह वर्तमान में बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। वह पहले बीजेपी की दिल्ली राज्य इकाई की महासचिव जैसे पदों पर रह चुकी हैं और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रही हैं। उन्होंने दिल्ली नगर निगम का भी नेतृत्व किया था। उन्होंने पार्षद के रूप में कार्य किया। रेखा गुप्ता का फोकस इस दौरान सामुदायिक विकास, महिला सशक्तिकरण और शैक्षिक सुधारों पर रहा।
19 जुलाई 1974 को जन्मी रेखा गुप्ता की राजनीतिक यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने से शुरू हुई। वह बचपन से ही एक सक्रिय सदस्य रही हैं। वह आरएसएस के साथ लंबे समय से जुड़ी रहीं और इस वजह से उनका करियर इससे गहराई से प्रभावित रहा है।
उनके औपचारिक राजनीतिक करियर की शुरुआत 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से हुई जहाँ वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी में शामिल हुईं। वह 1996-1997 के कार्यकाल के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ यानी डूसू की अध्यक्ष भी चुनी गईं।
2007 में उन्होंने बड़े स्तर पर राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया। वह बीजेपी के सदस्य के रूप में उत्तरीं और उन्होंने पीतमपुरा से पार्षद का चुनाव जीता। पार्टी के भीतर उनका कद बढ़ता गया और उन्हें 2007 से 2009 तक दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी की महिला कल्याण और बाल विकास समिति की अध्यक्ष जैसी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ सौंपी गईं, जहाँ उन्होंने लगातार दो कार्यकाल पूरे किए।
इसके अलावा रेखा गुप्ता ने बीजेपी युवा मोर्चा में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं, जिसमें 2004 से 2006 तक राष्ट्रीय सचिव का पद और 2003 से 2004 तक युवा मोर्चा दिल्ली राज्य का सचिव पद शामिल है।
रेखा गुप्ता को दिल्ली का सीएम बनाकर बीजेपी महिला मुख्यमंत्रियों की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। दिल्ली ने कई महिला मुख्यमंत्रियों को देखा है, जिसमें कांग्रेस की शीला दीक्षित का 15 साल का शासन भी शामिल है।
दिल्ली की अन्य महिला सीएम आप की आतिशी और भाजपा की सुषमा स्वराज थीं। कालकाजी से विधायक आतिशी निवर्तमान सीएम हैं, जो पांच महीने तक कुर्सी पर रहीं। सितंबर 2024 में केजरीवाल के सीएम पद से हटने के बाद उन्हें पद पर बिठाया गया। सुषमा स्वराज 12 अक्टूबर 1998 से 3 दिसंबर 1998 तक दिल्ली की सीएम रही थीं। उन्हें विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा नेतृत्व द्वारा लाया गया था, जिसमें पार्टी अंततः हार गई।
सुषमा स्वराज के बाद शीला दीक्षित आईं और वह 15 साल तक लगातार मुख्यमंत्री रहीं, उसके बाद केजरीवाल 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे। एक और महिला आतिशी ने 5 महीने तक मुख्यमंत्री का पद संभाला और अब रेखा गुप्ता उनके बाद हैं। बीजेपी ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में एक विधायी बैठक की और 48 विधायकों ने रेखा गुप्ता के लिए मतदान किया।
8 फरवरी को घोषित विधानसभा चुनाव में 70 में से 48 सीटों पर स्पष्ट बहुमत हासिल करने के बाद बीजेपी 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में लौटी है। नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी को रामलीला मैदान में होना है। रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग सीट पर आप की बंदना कुमारी और कांग्रेस के प्रवीण कुमार जैन को 29,595 वोटों के अंतर से हराया था। चुनाव नतीजों के दस दिन बाद सीएम का चुनाव हो पाया। नये मुख्यमंत्री की चयन प्रक्रिया की निगरानी के लिए राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धनखड़ और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था।
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