45 साल बाद दिल्ली फिर पानी-पानी हुई। इस बार यमुना आल टाइम हाई लेवल पर पहुंची और दिल्ली के उन इलाकों को डुबो दिया जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। 1978 की बाढ़ में उत्तरी दिल्ली के हिस्से मुखर्जी नगर, मॉडल टाउन तथा आसपास की कॉलोनियाँ डूबी थीं, इस बार रिंग रोड, आईटीओ और सुप्रीम कोर्ट तक पानी पहुंच गया। यमुना के आसपास रहने वाले 30 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए। अब ब्लेमगेम भी चल रहा है। दिल्ली को साजिशन बाढ़ से डुबोने तक के आरोप लग रहे हैं। प्रधानमंत्री जर्मनी गए तो वहां से भी दिल्ली का हाल जानने के लिए फोन आए जबकि केजरीवाल बेंगलुरू तक गए तो बीजेपी नेताओं ने उन्हें गैर जिम्मेदार बता दिया। पानी उतरा तो चिंता की गहराई भी कम होने लगी है। दिल्ली में अगले साल फिर बाढ़ आएगी और दिल्ली डूबेगी।