
श्रवण गर्ग
25 जून 1975: जब काग़ज़ के पुर्ज़े ही क़ीमती स्मृति चिन्ह बन जाते हैं!
- • विचार • 24 Jun, 2020
पाकिस्तान और चीन के मामले में अलग-अलग नीति क्यों?
- • देश • 23 Jun, 2020
क्या प्रधानमंत्री के बयान ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से हरा नहीं दिया है?
- • विचार • 21 Jun, 2020
भारत-चीन सीमा विवाद: जनता को क्यों नहीं दी गई सही जानकारी?
- • विचार • 19 Jun, 2020
नस्लवादी अमेरिकी ही नहीं, चमड़ी के रंग व जाति के नस्लवाद में भारतीय भी जकड़े!
- • विचार • 16 Jun, 2020
बीमार मानसिकता, सिर्फ़ ‘अपने’ ही बीमारों की चिंता!
- • विचार • 10 Jun, 2020
गाँधी तो अभी भी प्लेटफ़ॉर्म पर ही हैं, उनका केवल देश बदला है!
- • विचार • 8 Jun, 2020
‘कुर्सियों पर बैठते हो! आग तो तुम्हारी कुर्सियों के नीचे सुलग रही है’
- • विचार • 5 Jun, 2020
मास्क पहनने को कमज़ोरी मानने वाला अपना मुँह बंकर में छुपाने को मजबूर क्यों हुआ?
- • विचार • 5 Jun, 2020
लॉकडाउन के प्रतिबंधों में अब किस प्रजातांत्रिक छूट की प्रतीक्षा है?
- • विचार • 2 Jun, 2020
खुलने लगी मोदी के “गुजरात मॉडल” की पोल!
- • विचार • 29 May, 2020
ज्योति कुमारी: मज़दूरों की मज़बूरी पर सत्ता का टैलेंट हंट कार्यक्रम
- • विचार • 27 May, 2020
कोरोना: अरबों-खरबों डॉलर का धंधा बन गया है वैक्सीन की खोज का काम
- • विचार • 24 May, 2020
कोरोना संकट: मशीनों पर इंसानों से दोगुना ख़र्च क्यों?
- • विचार • 23 May, 2020
शतुर्मुर्ग बनता मीडिया और राजनेताओं का प्रशस्ति गान
- • विचार • 21 May, 2020
राहुल गाँधी ने तो देश को एक बड़ी शर्म से बचा लिया, निर्मला मैडम!
- • विचार • 19 May, 2020
‘आपको अपनी जान बचाना है या प्रजातंत्र? बताइए!’
- • विचार • 17 May, 2020
‘आत्मनिर्भर’ मानवीय त्रासदी: शोक गीत के बजाए उपलब्धियों का गौरव गान!
- • विचार • 14 May, 2020
‘रिस्क’ केवल नागरिक ही ले सकते हैं, सरकारें नहीं!
- • विचार • 12 May, 2020
वायरस के साथ और संसद के बिना जीना सीखने की आदत?
- • विचार • 10 May, 2020
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