अमेरिका में इस वक़्त ख़ंदकों की लड़ाई सड़कों पर लड़ी जा रही है। दुनिया भर की नज़रें भी अमेरिका पर ही टिकी हुई हैं। कोरोना के कारण सबसे ज़्यादा मौतें अमेरिकी अस्पतालों में हुई हैं पर देश के एक शहर में पुलिस के हाथों हुई एक अश्वेत नागरिक की मौत ने सभी पश्चिमी राष्ट्रों की सत्ताओं के होश उड़ा रखे हैं। जिस गोरे पुलिस अफ़सर ने अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ़्लॉयड की गर्दन को उसका दम घुटने तक अपने घुटने के नीचे आठ मिनट से ज़्यादा समय तक दबाकर रखा होगा उसे तब अन्दाज़ नहीं रहा होगा कि वह पाँच दशकों के बाद अपने देश में किस नए इतिहास की नींव डाल रहा है। दुनिया की जो सर्वोच्च ताक़त मुँह पर मास्क पहनने को कमज़ोरी का प्रतीक मानती हो उसे अपना मुँह छुपाने के लिए घर के बंकर में कोई एक घंटे से ज़्यादा का समय बिताना पड़ा।
मास्क पहनने को कमज़ोरी मानने वाला अपना मुँह बंकर में छुपाने को मजबूर क्यों हुआ?
- विचार
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- 5 Jun, 2020

अमेरिका जल रहा है और हुकूमतों की चिंता केवल इतनी भर है कि मौजूदा विरोध कितने दिनों तक चलता है। ट्रम्प ने विरोध से निपटने के लिए सेना के प्रयोग और ख़ूँख़ार कुत्तों के इस्तेमाल तक की अगर चेतावनी दी है तो मानकर चला जाना चाहिए कि अपने देश की बहुसंख्यक सवर्ण (गोरी) आबादी का समर्थन उन्हें प्राप्त है जो चुनावों तक जारी रहेगा।