कोरोना की वैक्सीन तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री केयर्स फ़ंड से सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस बीच ख़बरें हैं कि एक आयुर्वेदिक फ़ाउंडेशन के प्रस्ताव पर कुछ अस्पतालों में कोरोना मरीज़ों पर आयुर्वेदिक दवाओं के परीक्षण की अनुमति भी स्थानीय स्तरों पर दे दी गयी है।  दावा किया गया है कि ऐसा मरीज़ों की सहमति से ही किया जा रहा है। ऐसा ‘ड्रग ट्रायल’ केवल हमारे देश में ही सम्भव है, विदेशों में नहीं।