बिहार में दरभंगा क्षेत्र के एक छोटे से गाँव की पंद्रह-वर्षीय बहादुर बालिका ज्योति कुमारी पासवान के अप्रतिम साहस और उसकी व्यक्तिगत उपलब्धि को अब सत्ता प्रतिष्ठानों से जुड़े हुए लोग लॉकडाउन की देन बताकर उसे सम्मानित और पुरस्कृत करना चाह रहे हैं। एक बालिका के अपने बीमार पिता के प्रति प्रेम और लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुई पीड़ादायक परिस्थितियों से एकल लड़ाई की शर्मनाक त्रासदी को राष्ट्रीय उपलब्धि की गौरव गाथा के रूप में स्थापित करने का इससे अधिक पीड़ादायक उदाहरण कोई और नहीं हो सकता।