पूर्वी लद्दाख़ की गलवान घाटी में सोमवार (15 जून) की रात चीनी सैनिकों द्वारा की गई हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू की इस घटना से एक दिन पहले अपने पिता के साथ अंतिम बार हुई बातचीत का समाचार एक अंग्रेज़ी दैनिक में प्रकाशित हुआ है। प्रकाशित बातचीत का एक छोटा सा पर महत्वपूर्ण अंश यह भी है कि संतोष बाबू के अभिभावकों द्वारा सीमा पर स्थिति के बारे में पूछने पर शहीद कर्नल ने कथित तौर पर केवल इतना भर कहा था कि जो वास्तविकता है और न्यूज़ चैनलों के ज़रिए वे (अभिभावक) जो कुछ भी जान रहे हैं, उसके बीच एक बहुत बड़ी खाई है। संतोष बाबू अगली रात को शहीद हो गए।
भारत-चीन सीमा विवाद: जनता को क्यों नहीं दी गई सही जानकारी?
- विचार
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- 20 Jun, 2020

चीन के साथ लगभग डेढ़ महीने से तनाव की स्थिति बनी हुई थी और वह अंततः 15 जून को उसके सैनिकों द्वारा प्रारम्भ की गई हिंसक कार्रवाई में बदल गई। इस पूरी अवधि के दौरान रक्षा मंत्री और सेना के ज़िम्मेदार लोगों की तरफ़ से देश को यही भरोसा दिलाया जाता रहा कि तनाव ख़त्म करने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में कभी कुछ नहीं कहा।
चीन के साथ लगभग डेढ़ महीने से तनाव की स्थिति बनी हुई थी और वह अंततः 15 जून को उसके सैनिकों द्वारा प्रारम्भ की गई हिंसक कार्रवाई में बदल गई। इस पूरी अवधि के दौरान रक्षा मंत्री और सेना के ज़िम्मेदार लोगों की तरफ़ से देश को यही भरोसा दिलाया जाता रहा कि तनाव ख़त्म करने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में कभी कुछ नहीं कहा।