त्रिपुरा में बीजेपी विधायक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है जिसमें वह कथित तौर पर अश्लील वीडियो देखते नज़र आते हैं। जानिए उन्होंने क्या सफाई दी।
त्रिपुरा में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पिछले कुछ दिनों से जो कयास लगाए जा रहे थे वे अब थम गए हैं। जानिए, माणिक साहा को ही प्रतिमा भौमिक के मुक़ाबले ज़्यादा तरजीह क्यों दी गई।
त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में सोमवार को चुनाव संपन्न हो गए। इसके नतीजे 2 मार्च को सामने आएँगे। लेकिन उन नतीजों से पहले सर्वे एजेंसियों ने एग्ज़िट पोल जारी किया है। जानिए किनकी सरकार बनने के आसार हैं।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को वोट डाले गए। राज्य में 3,328 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ। करीब 28.13 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कुल 259 उम्मीदवार चुनावी दौड़ में हैं, जिनमें सिर्फ 20 महिलाएं हैं।
त्रिपुरा विधानसभा के लिए मतदान कल गुरुवार को होगा। बीजेपी के सामने अपनी सरकार बचाए रखने की चुनौती है। त्रिपुरा चुनाव में भी पीएम मोदी के नाम पर वोट मांगे गए हैं। इसलिए मोदी की साख भी त्रिपुरा में दांव पर है।
बसु ने अपने लिखे पत्र में आयोग का ध्यान इस ओर दिलाया कि राज्य में चुनावों के पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सर्मा राज्य में डेरा डाले हुए हैं। ऐसे में असम पुलिस की नियुक्ति चुनावों को प्रभावित कर सकती है।
त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान है। त्रिपुरा के पिछले चुनाव में बीजेपी ने सीपीएम को सत्ता से हटाया था लेकिन बीजेपी पिछले पांच साल सत्ता में रहते हुए अपना घर ठीक कर पाई। नतीजा ये निकल रहा है कि इस बार विधानसभा चुनाव 2023 में हालात उसके खिलाफ हैं।
जबकि तिप्रा मथा ने ग्रेटर तिपरालैंड की मांग पर लिखित समझौते के बिना किसी भी गठबंधन में शामिल होने से इंकार कर दिया था। अपनी इस मांग के लिए उसने गठबंधन के लिए भाजपा से भी बात की। लेकिन अंतिम समय तक बात नहीं बनी।
भाजपा अभी तिप्रा मथा के साथ गठबंधन की कोशिशें कर रही
थी लेकिन अभी तक गठबंधन को लेकर कुछ भी तय नहीं हो पाया है। तिप्रा मथा आदिवासी
बहुल इलाकों को लेकर अलग राज्य की मांग को लेकर अड़ी हुई है।
18 जनवरी को भारतीय निर्वाचन आयोग ने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। तीनों राज्यों में पिछली बार की ही तरह दो चरणों में मतदान होगा। त्रिपुरा अगली विधानसभा के लिए 16 फरवरी को वोट डाले जाएंगे।
त्रिपुरा में क्षेत्रीय दलों आईपीएफटी और टिपरा मोझ के बीच नए समीकरण बन रहे हैं। शनिवार से गुवाहाटी के होटल में बैठक चल रही है। बीजेपी की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। राज्य में मुख्यमंत्री बदलने के समय से ही वहां बीजेपी पहले से ही चुनावी मोड में चुकी है। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी के लिए त्रिपुरा की जीत इतनी आसान नहीं लग रही है।
त्रिपुरा में हाल ही में चुनावी हिंसा का चुनाव आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने तीन पुलिस अधिकारियों को हटा दिया है और राज्य के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी से राजनीतिक दलों के नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है। त्रिपुरा में हुए हमले में कांग्रेस के कई नेता घायल हो गए थे।
चुनाव आयोग ने चुनावों की घोषणा करते हुए कहा था कि चुनाव के दौरान किसी भी
प्रकार की हिंसा न हो इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जांएगे। लेकिन घोषणा के चंद दिनों
के बाद ही हिंसा शुरु हो गई है।