भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में ज़बरदस्त जीत हासिल की है। दूसरी ओर, कभी सत्ता में रही भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को क़रारी हार का सामना करना पड़ा है।
शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी को 351 में से 329 सीटों पर जीत हासिल हुई। इनमें से 112 सीटों पर इसके उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए।
इसके साथ ही भगवा पार्टी ने किसी समय वामपंथियों के गढ़ रहे इस राज्य के छह नगर पंचायतों व 13 म्युनिसपल कॉरपोरेशनों पर क़ब्ज़ा कर लिया।
इसने कैलाशहर, तेलियामुरा, मेलाघर और बेलोनिया नगर परिषदों के अलावा धर्मपुर और अंबासा नगर पालिकाओं, पानीसागर, जिरानिया और सोनापुरा नगर पंचायतों पर भी क़ब्ज़ा कर लिया है।
सीपीआईएम हारी
सीपीआईएम का बुरा हाल है, इसे क़रारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। सीपीआईएम को ढालाई ज़िले के अंबासा नगर पंचायत में एक, उत्तरी ज़िले के पानीसागर नगर पंचायत में एक और ऊनाकोटी के कैलाशहर म्युनिसपल कॉरपोरेशन में एक सीट मिली है।
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि त्रिपुरा नगर निकाय चुनाव के परिणामों ने पूर्वोत्तर राज्य में पैठ जमाने के तृणमूल कांग्रेस के दावों के 'खोखलेपन' को उजागर कर दिया है।
धाँधली का आरोप
लेकिन टीएमसी ने इसे खारिज करते हुए सत्तारूढ़ दल पर धांधली करने का आरोप लगाया है। उसने कहा है कि चुनावों को अवैध घोषित किया जाना चाहिए।
सीपीआईएम ने भी एएमसी के पाँच वार्डों में चुनाव रद्द करने की माँग की है।
इसके पहले विपक्षी दलों ने मतदान के दिन आरोप लगाया था कि बीजेपी कार्यकर्ता मोटरसाइकिल पर घूम रहे हैं और उनके उम्मीदवारों को धमका रहे हैं।
सीपीआईएम और तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि मतदाताओं को मतदान केंद्रों में प्रवेश नहीं करने दिया गया।
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