केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 5 जनवरी को त्रिपुरा जाने वाले हैं, जहां वो एक रथ यात्रा की शुरुआत करेंगे जो प्रदेश की सभी 60 विधानसभा क्षेत्रों से निकलेगी। अमित शाह के अलावा 10 केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे यानी कुल मिलाकर बीजेपी एक मेगा शो आयोजित करने जा रही है। इसी के जरिए वो अपनी ताकत का प्रदर्शन करने में जुटी है। चुनाव के मद्देनजर इस रथ यात्रा के दौरान करीब 200 रैलियां की जाएंगी।
बीजेपी के पास त्रिपुरा में बताने के नाम पर उपलब्धियां नहीं के बराबर हैं लेकिन हालात संभालने के लिए उसे मुख्यमंत्री जरूर बदलना पड़ा। कई नेता बागी हो गए और अब विधायक भी भाग रहे हैं। पिछले गुरुवार को बीजेपी विधायक और राज्य के दिग्गज आदिवासी नेता दीबा चंद्र हरंगखाल वापस अपनी पुरानी पार्टी में लौट गए। इससे विपक्षी कांग्रेस को त्रिपुरा में भारी बढ़त मिली। राजधानी अगरतला में भारी सुरक्षा के बीच कांग्रेस द्वारा निकाली गई एक विशाल रैली के बाद 66 वर्षीय हरंगखाल को पार्टी में शामिल किया गया।
Ahead of 2023 Election, Tripura BJP MLA Diba Chandra Hrangkhawl resigned. pic.twitter.com/z48Z3Rh34e
— The Voice of Tripura (@VoiceOf_Tripura) December 28, 2022
यह रैली तिपरा मोथा शासित त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद में कथित भ्रष्टाचार के विरोध में राजभवन तक गई। हालांकि एक समानांतर रैली बीजेपी ने भी निकाली लेकिन कांग्रेस की रैली ने रेकॉर्ड तोड़ दिया था। नारेबाजी हुई, लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। कांग्रेस की रैली के दौरान ही चार बार के आदिवासी विधायक हरंगखाल कांग्रेस में शामिल हुए। हरंगखाल ने 2018 में करमछरा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता था।
हरंगखाल 2021 के बाद से बीजेपी छोड़ने वाले पांचवें विधायक थे और इस साल कांग्रेस में शामिल होने वाले तीसरे। उनसे पहले सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा कांग्रेस में आए थे। अनुभवी आदिवासी नेता हरंगखाल के साथ, दिवंगत बीजेपी विधायक (दिलीप सरकार) के भाई और टीएमसी छात्र नेता राकेश दास भी कांग्रेस में शामिल हुए। सूत्रों ने कहा कि बीजेपी के पूर्व विधायक आशीष दास, जिन्होंने तृणमूल में शामिल होने के लिए सबसे पहले पार्टी छोड़ दी थी, को भी कांग्रेस में शामिल किया जाना था, लेकिन वह नहीं आए। दास पहले ही टीएमसी छोड़ चुके हैं। त्रिपुरा पीसीसी के महासचिव प्रशांत भट्टाचार्यजी ने कहा कि गुरुवार के घटनाक्रम से कांग्रेस को खारिज करने वालों का मुंह बंद हो जाना चाहिए।
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