चुनाव आयोग (ईसी) ने पश्चिम त्रिपुरा में कांग्रेस की बाइक रैली पर हमले के दौरान कार्रवाई नहीं करने पर एक डीएसपी स्तर के पुलिस अधिकारी एसडीपीओ को निलंबित कर दिया और दो प्रभारी अधिकारियों (ओसी) को हटा दिया।
अगरतला से 18 किमी दूर मजलिसपुर में हुई हिंसा पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया था। उसके बाद आयोग ने कड़ा कदम उठाया। कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने दावा किया है कि इस सप्ताह के शुरू में एआईसीसी के महासचिव अजय कुमार सहित 15 कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को हमले में चोटें आई थीं।
घटना के तुरंत बाद, पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज की और आठ लोगों को उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया।
चुनाव आयोग के संयुक्त निदेशक अनुज चांडक ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कार्रवाई की सूचना दी। पत्र में कहा गया है कि मुख्य सचिव और डीजीपी को सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर देने और पक्षपात करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है। आयोग ने उन्हें समय पर उचित कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। आयोग ने पत्र में दो थानों के ओसी को हटाने के साथ ही जिरानिया एसडीपीओ को निलंबित करने का आदेश दिया है।
चुनाव आयोग ने तीन विशेष पर्यवेक्षकों - योगेंद्र त्रिपाठी (आईएएस), विवेक जौहरी (आईपीएस) और बी मुरली कुमार (आईआरएस) को भी नियुक्त किया है। उन्हें स्थिति का जायजा लेने के लिए राज्य में तुरंत आगे बढ़ने, केंद्रीय बलों की उचित तैनाती सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
चांडक ने कहा कि मुख्य सचिव और डीजीपी राज्य में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को खतरे की आशंका का तुरंत आकलन करेंगे और बिना किसी देरी के सुरक्षा मुहैया कराएंगे।
हालिया मामला धलाई जिले में हुई हिंसा का है जहां त्रिपुरा के शाही वंशज प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा की पार्टी के एक कार्यकर्ता के साथ मारपीट की गई है। पश्चिमी अगरतला के मजलिशपुर विधानसभा में गुरुवार दोपहर को हुई इस हिंसा में अबतक 32 लोगों के घायल होने की खबर है, जिसमें कांग्रेस के प्रभारी अजॉय कुमार प्रमुख हैं। राजनगर विधानसभा के बरपथार क्षेत्र में इस तरह की हिंसा की खबरें हैं, यहां हुई हिंसा में अब तक सीपीएम के पांच कार्यकर्ताओं के घायल होने की खबरें हैं। यह सभी कार्यकर्ता पार्टी की एक रैली से घर वापस लौट रहे थे।
अपनी राय बतायें