Tag: Jahid Khan
मैं आदर्शों में यक़ीन करने वाला लेखक नहीं: विजय तेंदुलकर
- • जाहिद ख़ान • साहित्य • 6 Jan, 2021
'कहानी बन कर जिए हैं इस जमाने में, सदियाँ लग जाएँगी हमें भुलाने में'
- • जाहिद ख़ान • साहित्य • 4 Jan, 2021
नौशाद : जिनके संगीत में मिट्टी की सुगंध, ज़िंदगी की शक्ल थी
- • जाहिद ख़ान • सिनेमा • 26 Dec, 2020
एक भूला बिसरा क्रांतिकारी जिसके नाम से अंग्रेज़ भी काँपते थे!
- • जाहिद ख़ान • विविध • 21 Dec, 2020
जोश मलीहाबादी आख़िर क्यों पाकिस्तान चले गये?
- • जाहिद ख़ान • साहित्य • 6 Dec, 2020
अली सरदार जाफरी: ‘मैं मर के अमर हो जाता हूँ...’
- • जाहिद ख़ान • साहित्य • 29 Nov, 2020
कृश्न चंदर : कब इंसान के भीतर शैतान जाग उठता है...!
- • जाहिद ख़ान • साहित्य • 23 Nov, 2020
विशेष: फ़ैज़ की शायरी से ख़ौफ़ खाती रहेंगी तानाशाह हुक़ूमतें
- • जाहिद ख़ान • साहित्य • 20 Nov, 2020
मजाज़ : न हिंदू चला गया, न मुसलमान चला गया
- • जाहिद ख़ान • साहित्य • 19 Oct, 2020
बेगम अख्तर: ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया...
- • जाहिद ख़ान • सिनेमा • 7 Oct, 2020
शहीद भगत सिंह: ‘क्रांति का मतलब अन्याय पर टिकी वर्तमान व्यवस्था बदलनी चाहिए’
- • जाहिद ख़ान • विविध • 29 Mar, 2025
हसरत जयपुरी- तुम मुझे यूँ भुला न पाओगे...
- • जाहिद ख़ान • सिनेमा • 17 Sep, 2020
चीन: नेहरू ने क्यों कहा था- हमारा मुक़ाबला एक ताक़तवर और बेईमान दुश्मन से है...
- • जाहिद ख़ान • साहित्य • 14 Sep, 2020
राजिंदर सिंह बेदी: जो कहते थे अफ़साना एक अहसास है जिसे पैदा नहीं किया जा सकता
- • जाहिद ख़ान • साहित्य • 1 Sep, 2020
अमृता प्रीतम का जन्मदिन: “दंगों की हैवानियत में सबसे ज़्यादा पिसती है औरत”
- • जाहिद ख़ान • साहित्य • 31 Aug, 2020
फ़िराक़ गोरखपुरी : ‘सांप्रदायिक हिंदू, हिंदू जाति के लिये ख़तरनाक है…’
- • जाहिद ख़ान • साहित्य • 28 Aug, 2020
इस्मत चुग़ताई: एक ‘बोल्ड’ औरत जिसने समलैंगिकता पर कहानी लिख दी!
- • जाहिद ख़ान • श्रद्धांजलि • 24 Oct, 2020
लता को भारत रत्न, मोहम्मद रफी को क्यों नहीं?
- • जाहिद ख़ान • सिनेमा • 1 Aug, 2020
पुण्यतिथि - हबीब तनवीर जैसे नाटककार अब नहीं पैदा होते!
- • जाहिद ख़ान • पाठकों के विचार • 8 Jun, 2020
हिंदू-मुसलिम दोस्ती की मिसाल: आख़िरी समय में सैयुब की गोद में अमृत
- • जाहिद ख़ान • पाठकों के विचार • 18 May, 2020
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