उर्दू अदब, ख़ास तौर से उर्दू अफसाने को जितना कृश्न चंदर ने दिया, उतना शायद ही किसी दूसरे अदीब ने दिया हो। इस मामले में सआदत हसन मंटो ही उनसे अव्वल हैं, वरना सभी उनसे काफ़ी पीछे। उन्होंने बेशुमार लिखा, हिंदी और उर्दू दोनों ही ज़बानों में समान अधिकार के साथ लिखा।