हिंदी के प्रख्यात लेखक एवम संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी ने लेखकों विशेषकर महिला रचनाकारों से अपने लेखन में अपने समय को दर्ज करते हुए राजनीतिक दृष्टि अपनाने  की अपील की है। वाजपेयी ने सोमवार को गांधी शांति प्रतिष्ठान में प्रेमचन्द की पत्नी शिवरानी जी के तीन कहांनी संग्रहों का लोकार्पण करते हुए यह बात कही। उनके वर्षों से दो अनुपलब्ध कहांनी संग्रह "नारी हृदय "और" "कौमुदी " का सात दशक बाद पुनर्प्रकाशन किया गया और उनकी असंकलित कहानियों का नया संग्रह "पगली " उनके निधन के करीब  50 साल बाद अब आया है।