हिंदी साहित्य के प्रख्यात कवि और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल को इस साल के प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। भारतीय ज्ञानपीठ ने शनिवार को इसकी घोषणा की। शुक्ल की साहित्यिक उपलब्धियों और उनकी अनूठी लेखन शैली को सराहा गया है। यह पुरस्कार हिंदी साहित्य में उनके शानदार योगदान को दिखाता है।
विनोद कुमार शुक्ल को मिलेगा ज्ञानपीठ पुरस्कार
- साहित्य
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- 22 Mar, 2025
प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को 2025 का प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला। जानिए उनके साहित्यिक योगदान और अनोखी लेखन शैली के बारे में।

कवि, उपन्यासकार और कहानीकार के रूप में विख्यात शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ था। उनकी रचनाएँ हिंदी साहित्य में एक अलग पहचान रखती हैं। विनोद कुमार शुक्ल ने अपनी साहित्यिक यात्रा की शुरुआत कविताओं से की। उनकी पहली कविता संग्रह 'लगभग जय हिंद' 1971 में प्रकाशित हुई। इसके बाद 'वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहनकर विचार की तरह' (1981) जैसे संग्रह ने उन्हें कविता प्रेमियों के बीच लोकप्रिय बनाया। उनकी कविताएँ साधारण शब्दों में गहरे दार्शनिक विचारों को व्यक्त करती हैं। उनके उपन्यासों ने भी हिंदी साहित्य में क्रांति ला दी।