उर्दू अदब में फै़ज़ अहमद फै़ज़ का मुकाम एक अज़ीमतर शायर के तौर पर है। वे न सिर्फ उर्दूभाषियों के पसंदीदा शायर हैं, बल्कि हिंदी और पंजाबी भाषी लोग भी उनसे उतनी ही शिद्दत से मुहब्बत करते हैं। गोया कि फ़ैज़ भाषा और क्षेत्रीयता की सभी हदें पार करते हैं। एक पूरा दौर गुजर गया, लेकिन फ़ैज़ की शायरी आज भी हिंद उपमहाद्वीप के करोड़ों-करोड़ लोगों के दिल-ओ-दिमाग पर छाई हुई है। उनकी नज्मों-गजलों के मिसरे और अशआर लोगों की जुबान पर मुहावरों और कहावतों की तरह चढ़े हुए हैं। सच मायने में कहें, तो फ़ैज़ अवाम के महबूब शायर हैं और उनकी शायरी हरदिल अजीज।