‘‘लता भारत रत्न, मोहम्मद रफी क्यों नहीं?’’, अक्सर यह सवाल शहंशाह-ए-तरन्नुम मोहम्मद रफी के चाहने वाले पूछते हैं, लेकिन इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। क्यों हमने अपने इस शानदार गायक की उपेक्षा की है? ‘भारत रत्न’ तो छोड़िए, सरकार ने उन्हें ‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार’ के लायक भी नहीं समझा। जबकि उनसे कई जूनियरों को यह पुरस्कार मिल चुका है। गायकी के क्षेत्र में मन्ना डे, पंकज मलिक, लता मंगेशकर और आशा भोंसले उनसे पहले यह पुरस्कार हासिल कर चुके हैं।