फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने समाज सुधारक ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले की जिंदगी पर आधारित फिल्म 'फुले' के रिलीज में आ रही रुकावटों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ब्राह्मण संगठनों पर निशाना साधते हुए सेंसरशिप प्रक्रिया को "सड़ा हुआ सिस्टम" करार दिया है। इस फिल्म को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब महाराष्ट्र के कुछ ब्राह्मण संगठनों ने फिल्म में अपने समुदाय की छवि को लेकर आपत्ति जताई। जिसके बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने फिल्म में कई बदलावों की मांग की।  

'फुले' फिल्म, जिसमें प्रतीक गांधी और पत्रलेखा मुख्य भूमिका में हैं, 19वीं सदी के समाज सुधारकों ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले की कहानी को दर्शाती है, जिन्होंने जातिवाद और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। यह फिल्म मूल रूप से 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी, लेकिन विवाद के चलते इसकी रिलीज को टालकर 25 अप्रैल कर दिया गया।