छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 सितम्बर, 1923 को जन्मे हबीब तनवीर, रंगमंच में अपने आगाज से लेकर अंत तक उन सांस्कृतिक मूल्यों-रंगों को बचाने में लगे रहे जिनसे हमारे मुल्क की मुकम्मल तसवीर बनती है। उर्दू शायर नजीर अकबरावादी के फलसफे और ज़िंदगी पर बना नाटक ‘आगरा बाज़ार’ हो या फिर शूद्रक के संस्कृत नाटक ‘मृच्छकटिकम’ पर आधारित ‘मिट्टी की गाड़ी’, हबीब तनवीर अपने नाटकों के ज़रिए अवाम को हमेशा गंगा-जमुनी तहजीब से जोड़े रहे।