देश ने स्वतंत्रता के बाद सैद्धांतिक रूप से आत्मनिर्भरता, समृद्धि  के जो भी बदलाव देखे हैं वह डॉ. भीमराव आम्बेडकर के संविधान को  मूलरूप से अपनाने के बाद अनुभव किए हैं। उन्होंने  देश को एक ऐसा बेहतरीन लिखित दस्तावेज दिया जो हर व्यक्ति को स्वतंत्र अभिव्यक्ति के अलावा वह सभी हक़ और अधिकार देता है जिसमें समानता और बंधुत्व के साथ समाजवादी विचार भी है,  जिसकी वजह से आज हम गर्व से सर ऊँचा कर ख़ुद को नागरिक कहते हैं।