आज भी जब हम रेडियो को ट्यून करते हैं, तो इसमें सबसे ज़्यादा जिन गीतकारों का नाम गूँजता है, उनमें हसरत जयपुरी का नाम पहले पायदान पर है। हसरत जयपुरी ने अपने पाँच दशक के फ़िल्मी करियर में 350 फ़िल्मों के लिए कोई दो हज़ार गीत लिखे। सभी गीत एक से बढ़कर एक दिल को छू लेने वाले। आज भी उनके नगमों का कोई मुक़ाबला नहीं। ख़ास तौर से निर्माता-निर्देशक राज कपूर और मौसिकार शंकर जयकिशन के लिए उन्होंने लाजवाब गीत लिखे।
हसरत जयपुरी- तुम मुझे यूँ भुला न पाओगे...
- सिनेमा
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- 17 Sep, 2020

हसरत जयपुरी के नाम से मशहूर इक़बाल हुसैन की आज यानी 17 सितंबर को पुण्यतिथि है। उनका जन्म 15 अप्रैल 1918 को हुआ था। बस कंडक्टरी से शुरुआत कर उन्होंने मुशायरों में हिस्सा लेना शुरू किया था।
राजस्थान के जयपुर में 15 अप्रैल, 1918 को पैदा हुए हसरत जयपुरी का असल नाम इक़बाल हुसैन था। उनके नाना फ़िदा हुसैन ‘फ़िदा’ मशहूर शायर थे। उन्हीं की वजह से हसरत में शायरी का रुझान बढ़ा। सत्रह साल की उम्र आते-आते वह भी शेर-ओ-शायरी करने लगे। इस बाली उम्र में उन्होंने जो अपना पहला शेर लिखा,
‘किस अदा से वह जान लेते हैं/मरने वाले भी मान लेते हैं।’
इस शेर ने ही जैसे उनके मुस्तकबिल की कहानी लिख दी थी।