प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही कहें कि देश में एक भी डिटेंशन कैम्प नहीं है, पर असम में 6 कैंप के अलावा दूसरे राज्यों में भी इस तरह के कैंप हैं और नए कैंप बन भी रहे हैं।
इसे क्या माना जाए? क्या उग्र हिन्दुत्व की हार है? क्या यह मोदी-शाह की आक्रामक राजनीति की हार है? क्या यह बताता है कि बीजेपी लोगों से जुड़े मुद्दे नहीं उठा पाई?
ताज़ा रुझानों में झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुआई वाले महागठबंधन को बहुमत मिल गया है। सवाल यह उठता है कि क्या हेमंत सोरेन के सिर मुख्यमंत्री का ताज सजेगा?
नागरिकता संशोधन अधिनियम ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को वह बहाना दे दिया है, जिसका फ़ायदा उठा कर वह बंगाली पहचान का मुद्दा उठाए और इस तरह अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाए।
ब्रिटेन के आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला है, जबकि वामपंथी लेबर पार्टी की बेहद बुरी हार हुई है। इससे ब्रिटेन के यूरोपीय संघ छोड़ने का रास्ता साफ़ हो गया।
गृह मंत्री अमित शाह कुछ भी कहें, सच यह है कि पाकिस्तान में मुसलमान भी धार्मिक उत्पीड़न के शिकार हैं। शिया, अहमदिया और इसमाइली समुदाय के लोग हमेशा ही सरकार और बहुमत सुन्नी के निशाने पर रहे हैं।
बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ने गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त एक बार नहीं कहा, उन्होंंने संसद में भी उसे दुहराया। पर गाँधी से नफ़रत करना तो आरएसएस का इतिहास रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक मंदी की बात से इनकार तो किया ही है, उन्होंने कहा कबी मंदी हो ही नहीं सकती। पर ख़ुद सरकारी आँकड़े उनकी बात को झूठ साबित करते हैं।
कर्नाटक में अयोग्य घोषित किए गए विधायकों को पार्टी में शामिल करने और 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में उन्हें टिकट देने के मुद्दे पर राज्य बीजेपी अंदर ही अंदर बुरी तरह बँट गई है।
भारत छोड़ने की बात कर रही वोडाफ़ोन अकेली कंपनी नहीं है जो यहाँ व्यापार में नाकाम हो रही हैं, लाखों कंपनियाँ बंद हो चुकी हैं और कई बंद होने के कगार पर हैं। क्या है मामला?
क्या अयोध्या में राम मंदिर उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव तक बन कर तैयार हो जाएगा? क्या राम मंदिर बनाने में कामयाबी उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनाव का मुख्य मुद्दा होगा?
प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी और सोने की कीमत का लगातार गिरना कई सवाल खड़े करता है। यह किस आर्थिक नीति का नतीजा है और सरकार क्यों हस्तक्षेप नहीं करती है?