कोरोना महामारी से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने क्या मानव स्वभाव को भी प्रभावित किया है? क्या कोरोना की वजह से हमारे मनोविज्ञान, स्वभाव, व्यवहार व कामकाज के तौर तरीकों में कोई फ़र्क आया है? जो फ़र्क आया है वह तात्कालिक है या इसका कोई दूरगामी असर होगा? ये तमाम बातें उठती हैं, जिनका उत्तर मनोविज्ञान से जुड़े लोग लगातार ढूंढ रहे हैं।
लॉकडाउन का असर : कोरोना से आप कितने बदल गए?
- विश्लेषण
- |
- |
- 31 May, 2021

कोरोना और इस महामारी से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने क्या मानव स्वभाव को भी प्रभावित किया है? क्या कोरोना की वजह से हमारे मनोविज्ञान, स्वभाव, व्यवहार व कामकाज के तौर तरीकों में कोई फ़र्क आया है? ये तमाम बातें उठती हैं, जिनका उत्तर लोग लगातार ढूंढ रहे हैं। मनोविज्ञान, स्वभाव, सामाजिक-आार्थिक स्थिति, सेक्स जीवन, सबकुछ प्रभावित हुआ है। सत्य हिन्दी इस पर एक श्रृंखला शुरू कर रहा है। पेश है उसकी पहली कड़ी।
अमेरिका के मेसाच्युसेट्स स्थित ब्रैंडीज यूनिवर्सिटी के लाइफ़स्पैन डेवलपमेंट साइकोलॉजी लैबोरेटरी के मिरयम स्टेगर का मानना है कि लॉकडाउन का असर मानव मनोविज्ञान पर पड़ा है।
उन्होंने 'बीबीसी फ़्यूचर' से कहा, “इस अभूतपूर्व समय की वजह से लोगों को अपनी रूटीन की ज़िंदगी और आरामदायक जीवन को छोड़ना पड़ा, इसका असर लोगों के स्वभाव पर पड़ा हो, यह संभव है।”