कोरोना महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन ने खरीद-फ़रोख़्त और बाजार में बुनियादी बदलाव लाए हैं। यह बदलाव सबसे साफ़ तौर पर ऑनलाइन शॉपिंग के क्षेत्र में देखा जा सकता है।
बच्चों-किशोरों पर लॉकडाउन का असर दूरगामी हो सकता है, जिससे उनकी मानसिकता बदल सकती है, उनके पूरे जीवन पर इसका असर दिख सकता है। अभिभावक, शिक्षक और माता-पिता इसे पूरी तरह समझ भी नहीं पा रहे हैं।
कोरोना और इस महामारी से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने क्या मानव स्वभाव को भी प्रभावित किया है? क्या कोरोना की वजह से हमारे मनोविज्ञान, स्वभाव, व्यवहार व कामकाज के तौर तरीकों में कोई फ़र्क आया है?